$3.0 \,A-m^2$ चुम्बकीय आघूर्ण के एक छड़ चुम्बक को एकसमान चुम्बकीय प्रेरण $2 \times 10^{-5} \,T$ में रखा गया है। यदि चुम्बक का प्रत्येक ध्रुव $6 \times 10^{-4}\, N$  का बल अनुभव करता है तो चुम्बक की लम्बाई....$m$  है

  • A

    $0.5$

  • B

    $0.3 $

  • C

    $0.2$

  • D

    $0.1 $

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एक दण्ड चुम्बक उत्तर-दक्षिण दिशा में रखा जाता है। यदि उसका उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर हो तो शून्य तीव्रता वाले बिन्दुओं की दिशा चुम्बक के केन्द्र से किस ओर होगी

एक दूसरे से $ 1$ मीटर की दूरी पर स्थित दो एकांक चुम्बकीय ध्रुवों के मध्य लगने वाला बल है

चुंबकीय द्विध्रुव के कारण इसके केन्द्र से $20 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर इसकी अक्ष पर स्थित बिन्दु पर चुंबकीय विभव $1.5 \times 10^{-5} \mathrm{Tm}$ है। द्विध्रुव का चुंबकीय आघूर्ण. . . . . . . $\mathrm{Am}^2$ है।

(दिया है: $\frac{\mu_0}{4 \pi}=10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ )

  • [JEE MAIN 2024]

एक लम्बे चुम्बक को दो भागों में इस प्रकार तोड़ा जाता है कि उनकी लम्बाइयों का अनुपात $2 : 1 $ होता है । दोनों भागों के ध्रुव प्राबल्य होंगे

दो एक समान चुम्बकीय ध्रुव, जिनकी ध्रुव प्राबल्य $10$  तथा $40 $ $S.I.$  इकाई  हैं, एक दूसरे से $30\,cm$  दूरी पर रखे हैं। दोनों को मिलाने वाली रेखा पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता शून्य होगी