दो छड़ चुम्बक, प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$ है, एक दूसरे के लम्बवत् क्रॉस के रूप में रखे गये हैं। इस व्यवस्था का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
$2\, M$
$\sqrt 2 \,M$
$0.5\, M$
$M$
$\mathrm{L}$ लम्बाई की एक लौह छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण $\mathrm{M}$ है। यह लम्बाई के मध्य से इस प्रकार मोड़ा गया है कि दोनों भुजाएँ एक दूसरे के साथ $60^{\circ}$ का कोण बनाती है। इस नई चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण है:
चुम्बक में चुम्बकत्व का कारण है
दो समान पतले दण्ड चुम्बकों को, जिनमें प्रत्येक की लम्बाई $ l $ है और ध्रुव प्राबल्य $m$ है, $90°$ के कोण पर रखा जाता है इस प्रकार कि एक चुम्बक उत्तरी ध्रुव पर दूसरी चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के साथ आता है निकाय का चुम्बकीय आघूर्ण है
दो एकसमान लघु चुम्बक, जिनमें प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $ 10\,Am^2$ है, इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है, कि इनके अक्ष एक दूसरे के लम्बव्त रहें एवं इनके केन्द्र एक ही सरल रेखा के अनुदिश एक क्षैतिज तल में हों। यदि इनके केन्द्रों के बीच की दूरी $0.2\, m $ है, तो इनके बीच में मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा
$({\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}\,H{m^{ - 1}})$
किसी छोटे छड़ चुंबक का चुंबकीय आधूर्ण $0.48 \,JT ^{-1}$ है। चुंबक के केंद्र से $10 \,cm$ की दूरी पर स्थित किसी बिंदु पर इसके चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा बताइए यदि यह बिंदु $(i)$ चुंबक के अक्ष पर स्थित हो $(ii)$ चुंबक के अभिलंब समद्विभाजक पर स्थित हो।