एक सोनोमीटर तार किसी दिये गये स्वरित्र के साथ समस्वरित है, तथा इस स्थिति में तार पर बनी अप्रगामी तरंग मे दो सेतुओं के बीच $5$ प्रस्पंद बनते हैं, जबकि तार से लटकाया गया द्रव्यमान $9 kg$ है। जब इस द्रव्यमान के स्थान पर $M$ द्रव्यमान लटकाया जाता है तब तार उसी स्वरित्र के साथ समस्वरित है। तथा ब्रिजों की उसी स्थिति में तरंग में $3$ प्रस्पंद बनते हैं। $M$ का मान .... $kg$ है
$25$
$5$
$12.5$
$\frac{1}{25} $
$n$ आवृत्ति से कम्पन करने वाले स्रोत द्वारा उत्पन्न डोरी में तरंगें किसी क्षण दाँयी ओर संचरित हो रही हैं
निम्न कथनों पर विचार करें
$I.$ तरंग की चाल $4n \times ab$ है
$II.$ बिन्दु $a$ व $d$ पर माध्यम $\frac{4}{{3n}}sec$ बाद समान कला में होंगे
$III.$ बिन्दु $b$ तथा $e$ के बीच कलान्तर $\frac{{3\pi }}{2}$
इनमें सत्य कथन है
यदि तार को दोनों सिरों पर जकड़ा जाता है। तार चौथी सन्नादी में ढोलन करता है। स्थिर तरंग का समीकरण है $Y =0.3 \, \sin (0.157 x ) \, \cos (200 \pi t )$ तार की लम्बाई .....$m$ होगी।
एक सोनोमीटर तार के कम्पनों की मूल आवृत्ति $n$ है यदि इसकी त्रिज्या दोगुनी कर दें और तनाव आधा कर दें तथा पदार्थ समान रहे तो मूल आवृत्ति होगी
दो दृढ़ आधारों के बीच तनित किसी एक रस्सी के कम्पनों की मूल आवृत्ति (fundamental frequency) $50 \mathrm{~Hz}$ है। रस्सी का द्रव्यमान $18 \mathrm{~g}$ एवं इसका रेखीय द्रव्यमान घनत्व $20 \mathrm{~g} / \mathrm{m}$ है। रस्सी में उत्पन्न अनुप्रस्थ तरंग की चाल_________________$\mathrm{ms}^{-1}$ है।
किसी तनी हुयी डोरी में तरंग का वेग $2$ मी/सैकण्ड है। डोरी में अप्रगामी तरंगें बनती हैं जिनके निस्पंद $5$ सेमी दूरी पर हैं। डोरी के कम्पन की आवृत्ति हर्ट्ज में होगी