एक गोलीय सममिति में वितरित आवेश के परिवर्तनशील आवेश घनत्व को निम्न समीकरण द्वारा निरूपित किया गया है।

$\rho(r)=\left\{\begin{array}{ll}\rho_0\left(\frac{3}{4}-\frac{r}{R}\right) & \text { for } r \leq R \\ \text { Zero } & \text { for } r>R\end{array}\right.$

जहाँ, $r ( r < R )$ केन्द्र $O$ से दूरी है, (चित्र में दर्शाये अनुसार) $P$ बिन्दू पर विद्युत क्षेत्र का मान होगा :

209863-q

  • [JEE MAIN 2022]
  • A

    $\frac{\rho_{0} r}{4 \varepsilon_{0}}\left(\frac{3}{4}-\frac{r}{R}\right)$

  • B

    $\frac{\rho_{0} r}{3 \varepsilon_{0}}\left(\frac{3}{4}-\frac{r}{R}\right)$

  • C

    $\frac{\rho_{0} r}{4 \varepsilon_{0}}\left(1-\frac{r}{R}\right)$

  • D

    $\frac{\rho_{0} r}{5 \varepsilon_{0}}\left(1-\frac{r}{R}\right)$

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अनन्त लम्बाई और चौडाई वाले दो समतलों के बीच $30^{\circ}$ का कोण बना हुआ है और उन पर एक समान पृष्ठ घनत्व $+\sigma$ का आवेश है। इन समतलों के बीच दिखाये गये क्षेत्र मे विधुत क्षेत्र होगा:

  • [JEE MAIN 2020]

एक पतले अनन्त आवेशित तल एवं एक अनन्त रेखीय आवेश के आवेश घनत्व क्रमशः $+\sigma$ एवं $+\lambda$ हैं, जो कि एक-दूसरे से $5 \mathrm{~m}$ की दूरी पर एक-दूसरे के समानान्तर रखे हैं। रेखीय आवेश से आवेशित तल की तरफ क्रमशः $\frac{3}{\pi} \mathrm{m}$ एवं $\frac{4}{\pi} \mathrm{m}$ की लम्बवत दूरियों पर बिन्दू ' $P$ ' एवं ' $Q$ ' हैं। ' $E_P$ ' एवं ' $E_Q$ ' क्रमशः बिन्दु ' $P$ ' एवं ' $Q$ ' पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की तीव्रताओं के परिमाण हैं। यदि $2|\sigma|=|\lambda|$ के लिए $\frac{E_p}{E_Q}=\frac{4}{a}$ है तो $a$ का मान_________है।

  • [JEE MAIN 2023]

कुल आवेश $2 Q$ को त्रिज्या $R$ के गोले में इस प्रकार वितरित करते हैं कि आवेश घनत्व सम्बन्ध $\rho( r )= kr$ से दिया जाता है जहाँ $r$, केन्द्र से दूरी है। दो बराबर $Q$ आवेशों $A$ तथा $B$ को केन्द्र से $a$ दूरी पर व्यासीय विपरीत बिन्दुओं पर रखा गया है। यदि $A$ और $B$ कोई बल अनुभव नहीं करते हैं, तो ?

  • [JEE MAIN 2019]

दो अनन्त लम्बाई के समान्तर तार जिन पर रेखीय आवेश घनत्व क्रमश: ${\lambda _1}$ और ${\lambda _2}$ हैं, $R$ मीटर की दूरी पर रखे हैं। उनमें से किसी एक की एकांक लम्बाई पर बल होगा $\left( {K = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}} \right)$

गॉस प्रमेय के अनुसार अनन्त लम्बाई के सीधे तार के कारण विद्युत क्षेत्र अनुक्रमानुपाती होता है