$‘a’$ लम्बाई वाली भुजा के एक वर्ग के केन्द्र पर आवेश $Q$ रखा है एवं इसके एक कोने पर आवेश $q$ स्थित है। आवेश $q$ को विपरीत सिरे (विकर्ण के दूसरे सिरे) तक चलानें में कार्य होगा
शून्य
$\frac{{Qq}}{{4\pi { \in _0}a}}$
$\frac{{Qq\sqrt 2 }}{{4\pi { \in _0}a}}$
$\frac{{Qq}}{{2\pi { \in _0}a}}$
चार सर्वसम आवेश प्रत्येक का मान $ + \,50\,\mu C$ है, $2\,m$ भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर एक-एक आवेश रखा जाता है। $ + \,50\,\mu C$ के एक अन्य आवेश को अनन्त से वर्ग के केन्द्र तक लाने के लिये आवश्यक बाह्य ऊर्जा.....$J$ होगी
(दिया गया है $\frac{{\rm{1}}}{{{\rm{4}}\pi {\varepsilon _{\rm{0}}}}} = 9 \times {10^9}\,\frac{{N{m^2}}}{{{C^2}}}$)
दो एकसमान धनावेश प्रत्येक $ 1\,\mu C$ वायु में एक दूसरे से $1\, m$ की दूरी पर स्थित है। इस निकाय की स्थितिज ऊर्जा होगी
एक कण जिसका द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ है किसी एकसमान विधुत क्षेत्र $E$ में स्थिर है फिर इसे मुक्त कर दिया जाये तो $y$ दूरी चलने के पश्चात इसके द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा होगी:
चित्र में आतंरिक (छायांकित) क्षेत्र $A$ एक $r_{-1}=1$ त्रिज्या के गोले को प्रदर्शित करता है, जिसके अन्दर विधुत आवेश घनत्व (electrostatic charge density) $\rho_{-1}=k r$ केंद्र से त्रिज्य-दूरी $r$ के साथ बदलता है, जहां $k$ धनात्मक है। $r_B$ त्रिज्या के बाह्य (outer) गोलीय खोल $B$ में, विधुत आवेश घनत्व $\rho_B=\frac{2 k}{r}$ से बदलता है। मान लें कि यूनिट्स का ध्यान रखा गया है। सभी भौतिकी मात्रायें (quantities) SI मानक में है।
निम्न में से कौन सा (से) कथन सही है (हैं)।
एक $\alpha $-कण को $200\,V$ विभवान्तर से त्वरित किया जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि ....... $eV$ होगी