एक स्टील छड़ की त्रिज्या $20 \mathrm{~mm}$ एवं लम्बाई $2.0 \mathrm{~m}$ है। $62.8 \mathrm{kN}$ का बल इसे लम्बाई के अनुदिश खीचता है। स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $2.0 \times 10^{11} \mathrm{~N} / \mathrm{m}^2$ है। तार में उत्पन्न अनुदैर्ध्य विकृति_____________$\times 10^{-5}$ है।
$24$
$23$
$22$
$25$
$10\, cm$ लम्बाई के एक स्टील के तार के सिरों पर जब तापमान में $100^{\circ} C$ की वृद्धि की जाती हैं तब इसकी लम्बाई स्थिर रखने के लिये सिरो पर लगाया गया दाब है :
$($ स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $2 \times 10^{11} \,N\, m ^{-2}$ और रेखिक प्रसार गुणांक $1.1 \times 10^{-5} \,K ^{-1}$ हैं $)$
एक धातु के तार के एक सिरे को छत से बाँधा गया है तथा असके दूसरे सिरे पर $2$ किग्रा. का एक भार लटका है। समान प्रकार के एक तार को भार की तली से बाँधा गया है तथा इसके नीचे $1$ किग्रा. का भार बाँधा है। ऊपरी तथा निचले तार की अनुदैर्ध्य विकृतियों का अनुपात होगा।
[तार का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल $=0.005$ सेमी. $^2$, $\mathrm{Y}=2 \times 10^{11} \mathrm{Nm}^{-2}$ तथा $\mathrm{g}=10 \mathrm{~ms}^{-2}$ ]
निम्न कथनों में से कौनसा कथन सही है
$0.5$ सेमी$^2$ अनुप्रस्थ काट के लोहे के तार की लम्बाई को दोगुनी करने के लिये आवश्यक बल का मान होगा ($Y = {10^{12}}$डाइन/सेमी${^2}$)
$0.6$ मिलीमीटर व्यास वाले पीतल के तार की लम्बाई में $0.2\%$ की वृद्धि करने के लिए आवश्यक बल है (पीतल के लिए यंग प्रत्यास्थता गुणांक =$0.9 \times {10^{11}}N/{m^2}$)