$10\, cm$ लम्बाई के एक स्टील के तार के सिरों पर जब तापमान में $100^{\circ} C$ की वृद्धि की जाती हैं तब इसकी लम्बाई स्थिर रखने के लिये सिरो पर लगाया गया दाब है :
$($ स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $2 \times 10^{11} \,N\, m ^{-2}$ और रेखिक प्रसार गुणांक $1.1 \times 10^{-5} \,K ^{-1}$ हैं $)$
$2.2 \times 10^9 $ पास्कल
$2.2 \times 10^7$ पास्कल
$2.2 \times 10^6 $ पास्कल
$2.2 \times 10^8$ पास्कल
चित्र में दर्शाये अनुसार, किसी तार का यंग प्रत्यास्थता गुणांक ज्ञात करने के एक प्रयोग में, प्रसार-लोड (भार) का वक्र आरेखित किया गया है। वक्र एक सरल रेखा है, जो कि मूल बिन्दु से गुजर रही है, एवं भार-अक्ष से $45^{\circ}$ का कोण बना रही है। तार की लम्बाई $62.8 \mathrm{~cm}$ एवं इसका व्यास $4 \mathrm{~mm}$ है। यंग प्रत्यास्थता गुणांक $\mathrm{x} \times 10^4 \mathrm{Nm}^{-2}$ पाया जाता है। $\mathrm{x}$ का मान है_______
एक रबर की डोरी जिसका अनुप्रस्थ परिच्छेद $2$ सेमी$^2$ है। $2×10$${^5}$ डाइन के रैखिक बल से खींचने पर अपनी प्रारम्भिक लम्बाई की दो गुनी हो जाती है। रबर का यंग प्रत्यास्थता गुणांक डाइन/सेमी${^2}$ में है
$15\, kg$ द्रव्यमान की एक दृढ़ पट्टी को तीन तारों, जिनमें प्रत्येक की लंबाई $2 \,m$ है, से सममित लटकाया गया है। सिरों के दोनों तार ताँबे के हैं तथा बीच वाला लोहे का है। तारों के व्यासों के अनुपात निकालिए, प्रत्येक पर तनाव उतना ही रहना चाहिए।
समान पदार्थों के बने दो धात्विक तारों $\mathrm{P}$ व $\mathrm{Q}$ का आयतन समान है। यदि इनके अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफलों का अनुपात $4: 1$ है तथा $F_1$ बल आरोपित करने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि $\Delta l$ होती है। $\mathrm{Q}$ में समान विस्तार उत्पन्न करने के लिए आरोपित बल $\mathrm{F}_2$ है। $\frac{\mathrm{F}_1}{\mathrm{~F}_2}$ का मान. . . . . . हैं
तार $\mathrm{A}$ एवं $\mathrm{B}$ के पदार्थो के यंग गुणांकों का अनुपात $1: 4$ है, जबकि इनके अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफलों का अनुपात $1: 3$ है। यदि दोनों तारों पर समान भार लटकाया जाता है, तो तार $\mathrm{A}$ एवं $\mathrm{B}$ में हुए प्रसारों का अनुपात होगा : [माना तार $\mathrm{A}$ एवं $\mathrm{B}$ की लम्बाईयाँ समान हैं]