एक खींचा हुआ तार स्वरित्र के साथ $512$ हर्टज आवत्ति के दोलन करता है जबकि तार की लम्बाई $0.5$ मीटर है। यदि आवृत्ति $256$ हर्टज हो तो तार की लम्बाई का मान.........मीटर होगा।
$025$
$0.5$
$2$
$1$
किसी सोनोमीटर के तार की आवृत्ति $n$ है। यदि तार का तनाव चार गुना एवं इसकी लम्बाई को दो गुना कर दिया जाए तो नई आवृत्ति होगी
यदि दोनों सिरों पर कसी डोरी पर सातवां संनादी उत्पन्न किया जाये है। तो डोरी में कितने निस्पन्द तथा प्रस्पन्द बनेंगे
दो स्थिर सिरों के मध्य तनी हुई किसी डोरी की लम्बाई $1 m$ व द्रव्यमान $5 \times {10^{ - 4}}kg$ है, तथा इसमें $20 N$ का तनाव है। यदि इसे किसी एक सिरे से $25 cm$ दूर किसी बिन्दु पर खींचकर कम्पित कराया जाये तो यह किस आवृत्ति से कम्पन करेगी
मूल आवृत्तियों $n_1$ एवं $n_2$ के दो खुली ऑर्गन नलियों को श्रेणी में जोड़ा गया है। इस प्रकार से प्राप्त नई नली की मौलिक आवृत्ति होगी
एक विद्यार्थी एक अनुनाद स्तम्भ तथा एक स्वरित्र द्विभुज (tuning fork), जिसकी आवृत्ति $244 s ^{-1}$ है, को उपयोग में लाते हुए एक प्रयोग करता है। उसे बताया गया है कि नली में वायु के स्थान पर एक अन्य गैस भरी हुई है। (मान लीजिए स्तम्भ सदैव गैस से भरा रहता है। यदि अनुनाद की स्थिति के लिए न्यूतनम ऊँचाई $(0.350 \pm 0.005) m$ है, तब नली में उपस्थित गैस है/है :
(उपयोगी सूचना) : $\sqrt{167 R T}=640 j ^{1 / 2} mole ^{-1 / 2} ; \sqrt{140 R T}=590 j ^{1 / 2} mole ^{-1 / 2}$ तथा प्रत्येक गैस के लिए उनके मोलर द्रव्यमान $M$ ग्राम का मान विकल्पों में दिए है। $\sqrt{\frac{10}{ M }}$ का मान जैसा कि वहाँ दिया गया है, वही प्रयोग करे।)