एक सोनोमीटर के तार $AB$ की लम्बाई $110$ सेमी है। दोनों सेतुओं को $A$ से कितनी दूरी पर रखा जाये ताकि इस प्रकार विभाजित तार के तीन खण्डों की मूल आवृत्तियाँ $1 : 2 : 3$ के अनुपात में हो

  • [AIPMT 1995]
  • A

    $40\; cm$ और $80\; cm$

  • B

    $60\; cm$ और $90\; cm$

  • C

    $30\; cm$ और $60\; cm$

  • D

    $30\; cm$ और $90\; cm$

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दो पूर्णत: एकसमान तार स्वरैक्य में हैं। यदि एक तार में तनाव $ 1\%$ से बढ़ाकर दोनों तारों को एकसाथ बजाने पर $2 \,sec$ में $3$ विस्पंद सुनाई देते है। प्रत्येक तार की प्रारम्भिक आवृत्ति  .... ${\sec ^{ - 1}}$ होगी

धनात्मक $x-$ दिशा में गतिमान तरंग $y = A\sin (\omega \,t - kx)$ द्वारा प्रदर्शित हैं। यह एक दृढ़ सिरे से इस प्रकार परावर्तित होती है कि $80\%$ आयाम ही परावर्तित होता है। परावर्तित तरंग का समीकरण होगा

किसी तनी हुयी डोरी में तरंग का वेग $2$ मी/सैकण्ड है। डोरी में अप्रगामी तरंगें बनती हैं जिनके निस्पंद $5$ सेमी दूरी पर हैं। डोरी के कम्पन की आवृत्ति हर्ट्ज में होगी

यदि किसी सोनोमीटर-तार का तनाव चार गुना कर दिया जाये तो तार की मूल आवृत्ति   ....  $times $ गुणक से बढ़ जाएगी

सोनोमीटर तार की मूल आवृत्ति $n$ है यदि लम्बाई, तनाव और व्यास तीन गुने कर दिये जायें तो नयी मूल आवृत्ति होगी