एक पदार्थ के $m \,kg$ द्रव्यमान को इसके गलनांक बिन्दु पर द्रव अवस्था में बनाये रखने के लिए $P$ वॉट शक्ति की आवश्यकता होती है। जब शक्ति सप्लाई बन्द कर दी जाती है, तो पदार्थ $t$ समय में पूर्णत: जम जाता है। पदार्थ की गलन की गुप्त ऊष्मा हो
$\frac{{Pm}}{t}$
$\frac{{Pt}}{m}$
$\frac{m}{{Pt}}$
$\frac{t}{{Pm}}$
$0^{\circ} C$ पर $150\, g$ पानी को ऊष्मीय विलग पात्र में रखा गया है। पात्र से वायु को रूद्धोष्म प्रक्रम द्वारा निष्कासित करते है। पानी का एक भाग बर्फ में तथा शेष $0^{\circ} C$ की वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। वाष्पित पानी के द्रव्यमान का निकटतम मान ....... $g$ होगा।
(पानी के वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा $=2.10 \times 10^{6}\, J kg ^{-1}$ और पानी के गलन की गुप्त ऊष्मा $=3.36 \times 10^{5} \,J kg ^{-1}$ )
$-10^{\circ} C$ तापमान के $M _{1}$ ग्राम बर्फ (विशिष्ट ऊष्मा $=0.5 \,cal\, g ^{-10}\, C ^{-1}$ ) को, $50^{\circ} C$ तापमान के $M _{2}$ ग्राम जल में डालने पर, पूरी बर्फ पिघल जाती है और जल का तापमान $0^{\circ} C$ हो जाता है, तो बर्फ की गुप्त ऊष्मा का मान $cal \, g ^{-1}$ में है।
कोई भी द्रव तभी उबलता है जबकि उसका बाष्प दाब
धातु की एक गेंद एवं अत्यंत तनी स्प्रिंग एक ही पदार्थ के बने हैं तथा इनके द्रव्यमान समान हैं। इन्हें इतना गर्म किया जाता है कि ये पिघलने लगते हैं, तो आवश्यक गुप्त ऊष्मा का मान होगा
चित्र में दर्शाया गया ग्राफ प्रदर्शित करता हैं