एक पतली डिस्क ( चक्रिका) की त्रिज्या $' b'$ है। इसमें बने एक संकेन्द्री छिद्र (छेद) की त्रिज्या $' a '$ है। $( b =2 a )$ । डिस्क पर एकसमान पृष्ठ आवेश $\sigma$ है। यदि इसकी अक्ष पर तथा इसके केन्द्र से $' h '$ ऊँचाई पर, $( h << a )$, विद्युत क्षेत्र $' Ch '$ हो तो, $' C '$ का मान है :
$\frac{\sigma }{{4a{ \in _0}}}$
$\frac{\sigma }{{8a{ \in _0}}}$
$\frac{\sigma }{{a{ \in _0}}}$
$\frac{\sigma }{{2a{ \in _0}}}$
$R$ त्रिज्या के पतले अर्द्धवलय पर $q$ आवेश एकसमान रूप से वितरित है। वलय के केन्द्र पर विद्युत क्षेत्र है
$30$ सेमी दूरी पर $2$ न्यूटन/कूलॉम मान का विद्युत क्षेत्र उत्पन करने वाले बिन्दु आवेश का मान क्या होगा
एक आवेशित कण $20000\, V/m$ के एकसमान ऊध्र्वाधर विद्युत क्षेत्र में संतुलन में लटका हुआ है। यदि कण का द्रव्यमान $9.6 \times {10^{ - 16}}\,kg$ है, तब कण पर आवेश एवं आधिक्य में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्रमश: होगी
एक धनावेशित पतली धातु की वलय जिसकी त्रिज्या $R$, $xy$-तल में स्थित है तथा इसका केन्द्र मूल बिन्दु $O$ पर है। एक ऋणावेशित कण $P$ विराम अवस्था से बिन्दु $(0,\,0,\,{z_0})$ से छोड़ा जाता है, यहाँ ${z_0} > 0$ तो $P$ की गति होगी
एक समषट्भुज के शीर्षों पर चित्रानुसार आवेश रखे गये हैं। इनमें से किस स्थिति में केन्द्र पर विद्युत क्षेत्र अशून्य है