एक रेलगाड़ी उत्तर दिशा में जा रही है। एक स्थान पर यह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ जाती है, तो यहाँ हम देखते हैं कि
बाहरी पटरी की वक्रता त्रिज्या भीतरी पटरी से अधिक है
भीतरी पटरी की वक्रता त्रिज्या बाहरी पटरी से अधिक है
किसी एक पटरी की वक्रता त्रिज्या अधिक है
दोनों पटरियों की वक्रता त्रिज्यायें बराबर हैं
यदि वृत्ताकार पथ में गति करते हुए किसी पिंड (वस्तु) की चाल $10 \; ms ^{-1}$ है और यह अचर बनी रहती है तो, निम्नांकित में से कौनसा आलेख, त्वरण तथा त्रिज्या के बीच सम्बन्ध का ठीक (सही) चित्रण करता है ?
वृत्तीय गति करते हुये कण का अभिकेन्द्रीय त्वरण होता है
एक कण जो कि मूल बिंदु से $1 \,m$ की दूरी पर है इस प्रकार चलना प्रारंभ करता है कि $d r / d \theta=r$, जहाँ $(r, \theta)$ ध्रुवीय निर्देशांक हैं. तब परिणामी वेग तथा वेग के स्पशरेखीय भाग के बीच का कोण
एक पिण्ड $r$ त्रिज्या के वृत्त मे एक समान चाल $v$ से चक्कर लगा रहा है, तो स्पर्श रेखीय त्वरण होगा
एक पहिये को इसकी अक्ष के परित: एकसमान कोणीय त्वरण दिया जाता है। इसका प्रारम्भिक कोणीय वेग शून्य है। पहले दो सैकण्ड में यह ${\theta _1}$ कोण से घूम जाता है तथा अगले $2$ सैकण्ड में यह ${\theta _2}$ कोण से घूमता है, तो $\frac{{{\theta _2}}}{{{\theta _1}}}$ अनुपात है