एक स्थान पर एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B$ एवं एक समरूप विद्युत क्षेत्र $E$ एक साथ कार्यरत है। इस स्थान पर एक इलेक्ट्रॉन प्रवेश करता है। इसके अविचलित गुजरने के लिए सही व्यवस्था को किस चित्र में दिखाया गया हैं
द्रव्यमान ' $m$ ' का एक धनात्मक आवेश $' q '+x$ अक्ष पर गतिशील है। हम एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ समय $\Delta t$ के लिए लगाना चाहते हैं जिससे कि आवेश की दिशा $d$ दूरी पर $y$-अक्ष को काटते हुए प्रतिलोमित हो जाए, तब
चित्रानुसार, आवेशित और अनावेषित कणों से बनी एक समांतरित (एक दिशिकृत) किरण पुंज किसी पटल पर चिन्हित छिद्र $P$ की ओर निर्देशित है. यदि चित्र के अनुसार वैद्युत और तल के लम्बवत (out of the plane) चुम्बकीय क्षेत्रों को शुरू कर दिया जाए तो निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति करते हये कण का वेग बढ़ता है तो इसके वृत्तीय पथ की त्रिज्या
$1\, C$ आवेश का एक कण $0.5$ टेसला के चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् $10$ मीटर/सैकण्ड के वेग से गतिमान है। कण पर कार्यरत् बल......$N$ है
$m$ द्रव्यमान एवं $q$ आवेश का एक इलेक्ट्रॉन $v$ वेग से $r$ त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग में एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B$ के लम्बवत् गति कर रहा है। यदि इलेक्ट्रॉन की चाल को दो गुना एवं चुम्बकीय क्षेत्र को आधा कर दिया जाये तब वृत्ताकार मार्ग की त्रिज्या हो जायेगी