एक पानी की बूंद जिसकी त्रिज्या $1\,\mu m$ है, ऐसी स्थिति में गिरती है, जहाँ उत्पलावक बल का प्रभाव नगण्य है। यदि वायु का श्यानता गुणांक $1.8 \times 10^{-5}\,Nsm ^{-2}$ है तथा इसका घनत्व पानी के घनत्व $10^6\,gm ^{-3}$ की तुलना में नगण्य हो तो पानी की बूँद का सीमान्त वेग $..........\times 10^{-6}\,ms ^{-1}$ होगा (गुरूत्वीय त्वरण $g =10\,ms ^{-2}$ )
$145.4$
$118.0$
$132.6$
$123.4$
स्टील की एक छोटी गोली ग्लसरीन से भरे एक लम्बे बेलन में गिरती है। गोली के स्थानान्तरण के लिए निम्न में से कौनसा वेग समय सही निरूपण करता है -
कमरे के ताप पर किसी तेल की टंकी में गिर रही $5\,mm$ त्रिज्या वाली किसी ताँबे की गेंद का सीमांत वेग $10\, cm\,s ^{-1}$ है। यदि कमरे के ताप पर तेल की श्यानता $0.9\,kg\,m ^{-1}\,s ^{-1}$ है, तो. आरोपित श्यान बल है :
त्रिज्या $R =0.2 \,mm$ वर्षा की कोई बूंद धरती से ऊपर ऊँचाई $h =2000 \,m$ के किसी बादल से गिरती है। उत्प्लावन बल को नगण्य माना गया है। यह मानते हुए कि यह बूंद गिरते सदैव गोलीय रहती है, इस वर्षा की बूंद द्वारा प्राप्त अंतिम चाल होगी।
[जल का घनत्व $f_{ w }=1000\, kg\, m ^{-3}$ वायु का घनत्व $f_{ a }$ $=1.2 \,kg m ^{-3}, g =10\, m / s ^{2}$ वायु का श्यानता गुणांक $=1.8 \times 10^{-5} \,Nsm ^{-2}$ ]
उच्च श्यानता वाले द्रव के किसी लम्बे स्तम्भ में एक गोलाकार गेंद गिरायी जाती हैं। समय $( t )$ के फलन के रूप में गेंद की चाल $(v)$ को, दिखाए गए अभिरेख में कौन सा वक्र निरूपित करता है ?
एक गेंद जिसकी त्रिज्या $r$ व घनत्व है, गुरुत्व के अधीन मुक्त रूप से गिर रही है। $h $ ऊँचाई से गिरने के पश्चात् वह जल में प्रवेश करती है। जल में प्रवेश करने के पश्चात् भी उसकी चाल नियत बनी रहती है। जल की श्यानता हो, तो h का मान होगा