$'r'$ त्रिज्या की गोलाकार गेंद, ''' श्यानता वाले द्रव में $ 'v'$ वेग से गिर रही है। गेंद पर कार्यरत मंदक श्यान बल
त्रिज्या $ 'r' $ के व्युत्क्रमानुपाती व वेग $ 'v' $ के समानुपाती होगा
त्रिज्या $'r' $ व वेग $ 'v' $ दोनों के समानुपाती होगा
त्रिज्या $'r' $ व वेग $ 'v' $ दोनों के व्युत्क्रमानुपाती होगा
त्रिज्या $ 'r'$ के समानुपाती व वेग $ 'v' $ के व्युत्क्रमानुपाती होगा
त्रिज्या $R =0.2 \,mm$ वर्षा की कोई बूंद धरती से ऊपर ऊँचाई $h =2000 \,m$ के किसी बादल से गिरती है। उत्प्लावन बल को नगण्य माना गया है। यह मानते हुए कि यह बूंद गिरते सदैव गोलीय रहती है, इस वर्षा की बूंद द्वारा प्राप्त अंतिम चाल होगी।
[जल का घनत्व $f_{ w }=1000\, kg\, m ^{-3}$ वायु का घनत्व $f_{ a }$ $=1.2 \,kg m ^{-3}, g =10\, m / s ^{2}$ वायु का श्यानता गुणांक $=1.8 \times 10^{-5} \,Nsm ^{-2}$ ]
वर्षा की बूंदों का औसत द्रव्यमान $3.0 \times 10^{-5}\; kg$ है और उनका औसत सीमान्त वेग $9\; m / s$ है। जिस स्थान पर एक वर्ष में $100 \;cm$ वर्षा होती है उस स्थान के प्रति वर्ग मीटर पृष्ठ पर वर्षा द्वारा स्थानान्तरित ऊर्जा की गणना कीजिए।
उच्च श्यानता वाले द्रव के किसी लम्बे स्तम्भ में एक गोलाकार गेंद गिरायी जाती हैं। समय $( t )$ के फलन के रूप में गेंद की चाल $(v)$ को, दिखाए गए अभिरेख में कौन सा वक्र निरूपित करता है ?
किसी घर्षणहीन नली $(duct)$ , जिसका अनुप्रस्थ परिच्छेद चित्रानुसार परिवर्तित हो रहा है, से जल प्रवाहित होता है। अक्ष के अनुदिश बिन्दुओं पर दाब $p$ का परिवर्तन निम्न वक्र से प्रदर्शित किया जाता है
प्रारम्भ में $2\,mm$ व्यास वाला हवा का बुलबुला, $1750\,kg m ^{-3}$ घनत्व वाले द्रव में $0.35\,cms ^{-1}$ की दर से नियतता से ऊपर उठ रहा है। द्रव का श्यानता गुणांक $..........$ पायस $(poise)$ है निकटतम पूर्णांकों। (हवा का घनत्व नगण्य है).