एक तार एक सिरे से ऊध्र्वाधर लटकाया जाता है तथा इसके दूसरे सिरे पर $20N$ का भार लटकाया जाता है। यदि भार तार को $1.0$ मिमी खींचता है, तार में ऊर्जा वृद्धि तथा जब भार $1.0$ मिमी नीचे आता है, गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा में कमी का अनुपात होगा
$1$
$\frac{1}{4}$
$\frac{1}{3}$
$\frac{1}{2}$
एक तार को खींचने पर प्रति इकाई आयतन में संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा है
किसी तार का तनाव बल अचानक हटा देने पर
एक छड़ की लम्बाई $20$ सेमी तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $2$ सेमी$^2$ है। छड़ के पदार्थ का यंग मापांक $1.4 \times {10^{11}}$ न्यूटन/ मीटर$^2$ है। इस छड़ को लम्बाई के अनुदिश $5$ किलो भार से संपीडित किया जाता है, तो छड़ की ऊर्जा में वृद्धि होगी (जूल में)
किसी स्प्रिंग का बल नियतांक $K$ है। उसके प्रसार में ${l_1}$ से ${l_2}$ तक की वृद्धि करने में किया गया कार्य होगा
एक तार एक सिरे से ऊध्र्वाधर लटकाया जाता है तथा इसके दूसरे सिरे पर $20\,N$ का भार लटकाया जाता है। यदि भार तार को $1.0mm$ खींचता है, तो तार में ऊर्जा वृद्धि होती ........ $joule $ है