प्रत्यास्थता के ‘‘हुक के नियम’’ के अनुसार यदि प्रतिबल को बढ़ा दिया जाये तो प्रतिबल व विकृति का अनुपात

  • [AIIMS 2001]
  • A

    बढ़ता है

  • B

    घटता है

  • C

    शून्य हो जाता

  • D

    नियत रहता है

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$2$ मी लम्बे तथा $2$ वर्ग मिमी अनुप्रस्थ काट के एक इस्पात तार की लम्बाई में $0.5$ मिमी की वृृद्धि करने के लिये आवश्यक बल है [इस्पात के लिए $Y = 2.2 \times {10^{11}}$ न्यूटन/मी ${^2}$]

 ताँबे का एक $2.2\, m$ लंबा तार तथा इस्पात का एक $1.6\, m$ लंबा तार, जिनमें दोनों के व्यास $3.0\, mm$ हैं, सिरे से जुड़े हुए हैं। जब इसे एक भार से तनित किया गया तो कुल विस्तार $0.7\, mm$ हुआ। लगाए गए भार का मान प्राप्त कीजिए।

दो विभि पदार्थों वाली छड़ों के रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha$$‌_1$ व $\alpha$$_2$ तथा यंग गुणांक क्रमश: ${Y_1} व {Y_2}$ हैं, इन्हें दो दृढ़ स्थिर दीवारों के बीच कसा गया हैं। छड़ों को इस प्रकार गर्म किया जाता है कि प्रत्येक के ताप में समान वृद्धि होती है। छड़ें झुकती नहीं हैं। यदि ${\alpha _1}:{\alpha _2} = 2:3 $ एवं छड़ों के तापीय प्रतिबल बराबर हैं तो ${Y_1}:{Y_2}$ का मान होगा  

  • [IIT 1989]

दो एकसमान तारों को समान भार से भारित करने पर इनकी लम्बाईयों में वृद्धि क्रमश: $0.1$ मिलीमीटर एवं $0.05$ मिलीमीटर है। यदि प्रथम तार का अनुप्रस्थ काट $4$ मिली मीटर$^2$  हो तो दूसरे तार का अनुप्रस्थ काट ....... मिली मीटर$^2$ होगा

एक ही पदार्थ से बने दो तारों की लम्बाईयाँ समान है, जबकि दूसरे तार का व्यास पहले तार के व्यास से दो गुना है। दोनों तारों पर समान भार आरोपित करने पर उनकी लम्बाई में वृद्धियों का अनुपात है