जब एक प्रत्यास्थ पदार्थ, जिसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y$ है, को प्रतिबल $S$ से ताना जाता है, तो उसके प्रति एकांक आयतन में प्रत्यास्थ ऊर्जा होगी
$\frac{{2Y}}{{{S^2}}}$
$\frac{{{S^2}}}{{2Y}}$
$\frac{S}{{2Y}}$
$\frac{{{S^2}}}{Y}$
पीतल की किसी छड़ का व्यास $4$ मिमी है तथा यंग प्रत्यास्था गुणांक $9 \times {10^{10}}\,N/{m^2}$ है। छड़ की लम्बाई में $0.10\%$ की वृद्धि करने में निम्न बल की आवश्यकता होगी
$15\, kg$ द्रव्यमान की एक दृढ़ पट्टी को तीन तारों, जिनमें प्रत्येक की लंबाई $2 \,m$ है, से सममित लटकाया गया है। सिरों के दोनों तार ताँबे के हैं तथा बीच वाला लोहे का है। तारों के व्यासों के अनुपात निकालिए, प्रत्येक पर तनाव उतना ही रहना चाहिए।
अविस्तारित $L$ लम्बाई की एकसमान शंकुनुमा तार के सिरों की त्रिज्या क्रमशः $R$ तथा $3R$ हैं। उसकी धातु का यंग-माडुलस $Y$ है। $R$ त्रिज्या वाले सिरे को एक ढृढ़ आधार पर जड़ित किया गया है तथा दूसरे सिरे पर $M$ द्रव्यमान लटकाया गया है। संतुलन-अवस्था में तार की लम्बाई होगी
समान लम्बाई और त्रिज्या के दो तारों का पंक्ति बनाते हुए उनके सिरों से जोड़ा और भारित किया गया है। दोनों तारो के यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y_{1}$ और $Y _{2}$ है। यह संयोजन एकल तार की भांति व्यवहार करता है, तब इसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक है।
स्टील व तांबे के दो एक समान तार समान बलों द्वारा खींचे जाते हैं। यदि उनकी लम्बाईयों में वृद्धियों का अन्तर $0.5$ सेमी है तो प्रत्येक तार की लम्बाई में वृद्धि $(l)$ होगी [$Ys$ (स्टील) $= 2.0 × 10^{ 11}$ न्यूटन/मीटर व $YC$ (तांबा) $= 1.2 × 10 ^{11}$ न्यू/मी$^2$]