एक गैस की रुद्धोष्म प्रत्यास्थता का गुणांक $2.1 \times {10^5}N/{m^2}$ है। समतापीय प्रत्यास्थता गुणांक होगा $\left( {\frac{{{C_p}}}{{{C_v}}} = 1.4} \right)$
$1.8 \times {10^5}N/{m^2}$
$1.5 \times {10^5}N/{m^2}$
$1.4 \times {10^5}N/{m^2}$
$1.2 \times {10^5}N/{m^2}$
$18°C$ ताप पर किसी द्विपरमाण्विक गैस को रुद्धोष्म रीति से संपीडित करके इसका आयतन प्रारम्भिक का $1/8 $ कर डिया जाता है। संपीडन के पश्चात् ताप होगा
$\gamma = 1.4$ वाली गैस के एक मोल को रुद्धोष्म रूप से संपीडित किया जाता है। जिससे उसका ताप $27°C$ से $35°C$ तक बढ़ जाता है। गैस की आन्तरिक ऊर्जा में ....... $J$ परिवर्तन होगा $(R = 8.3\,J/mol.K)$
$5$ मोल (mole) एकपरमाणुक तथा $1$ मोल दृढ़ द्विपरमाणुक आदर्श गैस के मिश्रण का आरंभ में दाब $P _0$, आयतन $V _0$ और तापमान $T _0$ है। यदि गैस के मिश्रण को रूद्धोष्म (adiabatic) प्रक्रम से इतना संपीडित किया जाता है कि आयतन $V _0 / 4$ हो जाए तब निम्नलिखित कथनों में से कौनसा/कौनसे सही है( हैं) ?
(दिया है, $2^{1.2}=2.3 ; 2^{3.2}=9.2 ; R$ गैस नियतांक है)
$(1)$ संपीडन के पश्चात अंतिम दाब $9 P _0$ और $10 P _0$ के बीच है।
$(2)$ संपीडन के बाद गैस की औसत गतिज ऊर्जा का मान $18 RT _0$ और $19 RT$ के बीच है।
$(3)$ प्रक्रम में किया गया कार्य $| W |=13 RT _0$ है।
$(4)$ गैस के मिश्रण का रूद्धोष्म नियतांक $1.6$ है।
नीचे चित्र में चार वक्र $A, B, C$ एवं $D$ दिखाये गये हैं
एक गैस ($\gamma = 1.3)$ एक कुचालक पात्र में भरी हुई है। इस पात्र में दाब ${10^5}\,N/{m^2}$ है एवं एक पिस्टन पात्र में लगा हुआ है। पिस्टन को अचानक दबाकर गैस के आयतन को प्रारम्भिक आयतन का आधा कर दिया जाता है। गैस का अन्तिम दाब होगा