समतापीय और रुद्धोष्म वक्रों की ढालों (Slopes) में सम्बन्ध है
समतापीय वक्र का ढाल = रुद्धोष्म वक्र का ढाल (slope)
समतापीय वक्र का ढाल = $ \gamma \times $ रुद्धोष्म वक्र का ढाल
रुद्धोष्म वक्र का ढाल = $ \gamma \times $ समतापीय वक्र का ढाल
रुद्धोष्म वक्र का ढाल $ = \frac{1}{2} \times $ समतापीय वक्र का ढाल
किसी गोलीय कोश (शेल) की त्रिज्या $R$ और तापमान $T$ है। इसके भीतर कुष्षिका विकिरणों को फोटॉनों की एक ऐंसी आदर्श़ गैंस माना जा सकता है जिसकी प्रति इकाई आयतन आन्तरिक ऊर्जा, $u=\frac{U}{V} \propto T^{4}$ तथा दाब, $p=\frac{1}{3}\left(\frac{U}{V}\right)$ है। यदि इस कोश़ में रुधोष्म प्रसार हां तो, $T$ तथा $R$ के वीच संबंध होगा
एक आदर्श गैस का प्रारम्भिक दाब तथा आयतन क्रमशः $\mathrm{P}_0$ तथा $\mathrm{V}_0$ I जब गैस को अचानक $\frac{\mathrm{V}_0}{4}$ आयतन पर संपीड़ित किया गया हो तो गैस का अंतिम दाब होगा : (दिया है $\gamma=$ स्थिर दाब तथा स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात):
समान प्रारम्भिक अवस्था से एक आदर्श गैस तीन अलग-अलग प्रक्रमो द्वारा $V _1$ से $V _2$ आयतन तक प्रसारित होती है। यदि प्रक्रम समतापी है, तो गैस द्वारा किया गया कार्य $W _1$ है तथा यदि प्रक्रम रुद्धोप्म है तो कार्य $W _2$ और यदि समदाबी है तो किया गया कार्य $W _3$ है तो सही कथन चुनिये।
यदि अधिक दाब पर गैस से भरा सिलेण्डर फट जाये, तो गैस में परिवर्तन
किसी एक परमाणुक गैस का दाब $P_{1}$ और आयतन $V_{1}$ है। इसको रूद्धोष्म रूप से प्रारंभिक आयतन के $1 / 8$ तक संपीडित किया जाता है, गैस का अंतिम दाब ........ $P_1$ होगा