एक $LC$ अनुनादी परिपथ में $400\, pF$ धारिता का संधारित्र एवं $100\mu H$ का प्रेरकत्व जुड़ा है। यह एक एन्टीना से जुड़ा है एवं कम्पन करता है, तो विकरित विद्युत चुम्बकीय तरंग की तरंगदैध्र्य होगी
$377\, mm$
$377\,metre$
$377\, cm$
$3.77 \,cm$
एक विधुत चुम्बकीय तरंग का चुम्बकीय क्षेत्र सदिश $B = B _{ o } \frac{\hat{ i }+\hat{ j }}{\sqrt{2}} \cos ( kz -\omega t )$ से दिया गया है, जहाँ $\hat{ i }$ तथा $\hat{j}$ क्रमशः $x$ तथा $y$-अक्ष के अनुदिश मात्रक सदिश है। $t =0 \,s$ पर दो विधुत आवेश $4 \pi$ कूलाम का $q _{1}$ तथा $2 \pi$ कूलाम $q _{2}$ क्रमशः $\left(0,0, \frac{\pi}{ k }\right)$ तथा $\left(0,0, \frac{3 \pi}{ k }\right)$ पर रखे गये है जिनके समान वेग $0.5 \,c$ $\hat{ i }$ हैं, (जहाँ $c$ प्रकाश का निर्वात में वेग है।) आवेश $q _{1}$ पर कार्यरत बल तथा आवेश $q _{2}$ पर कार्यरत बल का अनुपात होगा।
एक समतल विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र $5 \times 10^{10} \mathrm{~Hz}$ आवृत्ति तथा $50 \mathrm{Vm}^{-1}$ आयाम के ज्या वक्रीय दोलन करता है। तरंग के विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का कुल औसत ऊर्जा घनत्व है :
[दिया है, $\varepsilon_0=8.85 \times 10^{-12} \mathrm{C}^2 / \mathrm{Nm}^2$ ]
एक समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग का चुम्बकीय क्षेत्र निम्नवत है :
$\overrightarrow{ B }=2 \times 10^{-8} \sin \left(0.5 \times 10^3 x +1.5 \times 10^{11} t \right) \hat{ j } T$
विद्युत क्षेत्र का आयाम होगा
यदि ${\varepsilon _o}$ व ${\mu _0}$ किसी मुक्त आकाश की क्रमश: विद्युतशीलता, चुम्बकीय पारगम्यता है तथा $\varepsilon $ व $\mu $ माध्यम में सापेक्ष राशियाँ हैं। माध्यम का अपवर्तनांक है
एक $I$ तीव्रता वाली विद्युत चुम्बकीय तरंग द्वारा परावर्तन न करने वाली सतह पर आरोपित दाब होगा [$c =$ प्रकाश का वेग]