एक $LC$ अनुनादी परिपथ में $400\, pF$ धारिता का संधारित्र एवं $100\mu H$ का प्रेरकत्व जुड़ा है। यह एक एन्टीना से जुड़ा है एवं कम्पन करता है, तो विकरित विद्युत चुम्बकीय तरंग की तरंगदैध्र्य होगी
$377\, mm$
$377\,metre$
$377\, cm$
$3.77 \,cm$
$5\, GHz$ आवत्ति की कोई विधुत चुम्बकीय तरंग उस माध्यम में गमन कर रही है जिसका आपेक्षिक विधुत परावैधुतांक और चुम्बकीय पारगम्यता दोनों ही $2$ है। इस माध्यम में इस तरंग का वेग $.........\times 10^{7} \,m / s$ है ।
विद्युत चुम्बकीय $(EM)$ तरंगों के प्रसिद्ध गुणों की नीचे दी गई व्याख्या में से सही कथन ज्ञात कीजिए।
$A.$ किसी समतलीय विद्युत चुम्बकीय तरंग में, विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र एक-दूसरे के लम्बवत् होने चाहिए एवं तरंग के संचरण की दिशा विद्यत क्षेत्र या चुम्बकीय क्षेत्र के अनुदिश होनी चाहिए।
$B.$ विद्युत चुम्बकीय तरंग में निहित ऊर्जा, विद्युत एवं चुम्बकीय श्रोतों में एक समान रूप से विभाजित होती है।
$C.$ विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र, दोनों एक-दूसरे के समानान्तर होते हैं, एवं तरंग के संचरण की दिशा के लम्बवत् होते हैं।
$D.$ विद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय क्षेत्र एवं तरंग संचरण की दिशा, आपस में एक-दूसरे के लम्बवत् होने चाहिए।
$E.$ चुम्बकीय क्षेत्र के आयाम एवं विद्युत क्षेत्र के आयाम का अनुपात प्रकाश की चाल के बराबर होता है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चनिए:
एक माध्यम में विध्युत-चुम्बकीय तरंगों के संचरण के दौरान:
विद्युत-चुम्बकीय दोलनों में संचित ऊर्जा किस रूप में होती है
एक समतल विधुत चुम्बकीय तरंग के लिये किसी बिन्दु $x$ व समय $t$ पर चुम्बकीय क्षेत्र
$\overrightarrow{ B }( x , t )=\left[1.2 \times 10^{-7} \sin \left(0.5 \times 10^{3} x +1.5 \times 10^{11} t \right) \hat{ k }\right] T$
हे, तो $\overrightarrow{ B }$ के संगत विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ होगा
(प्रकाश की चाल $c =3 \times 10^{8} ms ^{-1}$ )