यदि किसी विद्युतचुम्बकीय तरंग की आवृत्ति $60 \mathrm{MHz}$ है तथा यह वायु में $\mathrm{z}$-अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश संचरित होती है तब इसके संगत वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र एक दूसरे के परस्पर लम्बवत है। तरंगदैर्ध्य (मीटर में) है :
$2.5$
$10$
$5$
$2$
$35 \mathrm{MHz}$ आवृत्ति की एक समतल विद्युत चुंबकीय तरंग मुक्त आकाश में $\mathrm{X}$-दिशा में अनुदिश गति करती है। एक निश्चित बिन्दु पर (स्थिति एवं समय में) $\overrightarrow{\mathrm{E}}=9.6 \hat{\mathrm{j}} \mathrm{V} / \mathrm{m}$ है। इस बिन्दु पर चुंबकीय क्षेत्र का मान है :
विध्यूतशीलता $\epsilon_{0}$ और चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ के माध्यम में विध्यूत-चुम्बकीय विकिरण का वेग होता है:
मुक्त आकाश में किसी बिन्दु पर सूर्य के प्रकाश की तीव्रता $0.092\, Wm ^{-2}$ है। इस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का शिखर मान होगा। $\left(\varepsilon_{0}=8.85 \times 10^{-12} \,C ^{2} \,N ^{-1}\, m ^{-2}\right)$
विद्युत-चुम्बकीय विकिरणों के एक बिन्दु स्रोत की औसत निर्गत शक्ति $800\, W$ है, तो स्रोत से $4.0 \,m$ की दूरी पर विद्युत क्षेत्र का अधिकतम मान.....$V/m$ होगा
वैद्युत चुम्बकीय तरंगे एक माध्यम में $2.0 \times 10^8\,m / s$ चाल से गति करती है। माध्यम की सापेक्षिक चुम्बकनशीलता $1.0$ है। माध्यम की सापेक्षिक विद्युतशीलता होगी :