एक विद्युत-चुम्बकीय तरंग का संचरण $z-$अक्ष के समानान्तर होती है। स्थिति एवं समय परिवर्ती क्षेत्रों (Fields) का कौनसा जोड़ा इस तरंग को उत्पन्न करता है, स्थिति
${E_x},\,{B_y}$
${E_y},\,{B_x}$
${E_z},\,{B_x}$
${E_y},\,{B_z}$
नीचे कथन दिये गये है :
कथन $I$: विद्युत चुम्बकीय तरंगे ऊर्जा का संचरण करती है जब वह आकाश में/ गति करती है और इस ऊर्जा में विद्युत क्षेत्र तथा चुम्बकीय क्षेत्र का बराबर भाग होता है।
कथन $II$: जब कोई विद्युत चुम्बकीय तरंग किसी तल से टकराती है तो तल पर एक दाब आरोपित होता है। उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए गए विकल्पों में सबसे उचित उत्तर चुनिए :
$20\, cm ^{2}$ क्षेत्रफल के किसी अपरावर्ती पृष्ठ पर $20\, W / cm ^{2}$ औसत फ्लक्स के साथ प्रकाश अभिलम्बवत आपतन करता है। $1$ मिनट की समयावधि में इस पृष्ठ पर प्राप्त की गयी ऊर्जा $............J$ है
वैद्युत-चुम्बकीय तरंग में वैद्युत क्षेत्र $E =56.5 \sin \omega( t - x / c ) NC ^{-1}$ द्वारा दिया जाता है। तरंग की तीव्रता ज्ञात करो यदि यह मुक्त आकाश में $x$-अक्ष के अनुदिश गमन करती है।(दिया गया है: $\varepsilon_0=8.85 \times 10^{-12} C ^2 N ^{-1} m ^{-2}$ )
नीचे दो कथन दिए गए हैं-
कथन $\mathrm{I}$ : विद्युत चुम्बकीय तरंगे विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा विक्षेपित नही होती हैं।
कथन II : विद्यत चुम्बकीय तरंग में, विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र के आयाम एक-दूसरे से $\mathrm{E}_0=\sqrt{\frac{\mu_0}{\varepsilon_0}} \mathrm{~B}_0$ के अनुसार सम्बंधित होते है।
सूर्य का प्रकाश, $36\,cm ^2$ क्षेत्रफल वाले किसी तल पर लम्बवत् गिर रहा है, जो कि $20$ मिनट के समय अन्तराल में इस पर $7.2 \times 10^{-9}\,N$ का औसत बल आरोपित करता है। यदि पूर्ण अवशोषण की स्थिति माना जाए, तो आपतित प्रकाश के ऊर्जा फ्लक्स का मान होगा