एक एल्युमीनियम की छड़ (यंग प्रत्यास्थता गुणांक $7.0×10$${^9}$ न्यूटन/मी$^2$) $0.2\%$ विकृति से टूट जाती है। $10$ ${^4}$ न्यूटन के भार को लटकाने से न टूटने के लिये छड़ की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल कम से कम होना चाहिए
$1 \times {10^{ - 2}}\,{m^2}$
$1.4 \times {10^{ - 3}}\,{m^2}$
$3.5 \times {10^{ - 3}}\,{m^2}$
$7.1 \times {10^{ - 4}}\,{m^2}$
जब एक प्रत्यास्थ पदार्थ, जिसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y$ है, को प्रतिबल $S$ से ताना जाता है, तो उसके प्रति एकांक आयतन में प्रत्यास्थ ऊर्जा होगी
एक $2 \ L$ लम्बाई व $2 \ R$ त्रिज्या के मोटे क्षैतिज तार के एक सिरे को $L$ लम्बाई व $R$ त्रिज्या वाले एक पतले क्षैतिज तार से वेल्डिंग के द्वारा जोड़ा गया है। इस व्यवस्था के दोंनो सिरों पर बल लगाकर ताना जाता है। पतले व मोटे तारों में तरंगदैर्ध्य वृद्धि का अनुपात निम्न है :
दो विभि पदार्थों वाली छड़ों के रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha$$_1$ व $\alpha$$_2$ तथा यंग गुणांक क्रमश: ${Y_1} व {Y_2}$ हैं, इन्हें दो दृढ़ स्थिर दीवारों के बीच कसा गया हैं। छड़ों को इस प्रकार गर्म किया जाता है कि प्रत्येक के ताप में समान वृद्धि होती है। छड़ें झुकती नहीं हैं। यदि ${\alpha _1}:{\alpha _2} = 2:3 $ एवं छड़ों के तापीय प्रतिबल बराबर हैं तो ${Y_1}:{Y_2}$ का मान होगा
$3.2\,m$ लम्बे स्टील के तार $\left( Y _{ S }=2.0 \times 10^{11}\right.$ $Nm ^{-2}$ ) एवं $4.4\,M$ लम्बे ताँबे के तार $\left( Y _{ C }=1.1 \times 10^{11} Nm ^{-2}\right)$ की त्रिज्याऐं समान $1.4\,mm$ की हैं, इन दोनों तारों के सिरे एक-दूसरे से जुड़े हैं। जब यह किसी लोड के द्वारा खीचें जाते हैं, तो परिणामी प्रसार का मान $1.4\,mm$ है। आरोपित भार (लोड) का मान न्यूटन में होगा : (दिया है : $\pi=\frac{22}{7}$ )
स्टील के एक तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $0.1$ सेमी${^2}$ है। इसकी लम्बाई दो गुनी करने के लिए आवश्यक बल होगा $({Y_{LVhy}} = 2.0 \times {10^{11}}N/{m^2})$