एक इलेक्ट्रॉन (द्रव्यमान$ = 9 \times {10^{ - 31}}$ कि ग्रा आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}$ कूलम्ब) $9 \times {10^{ - 5}}$ वेबर/मी$^2$ के चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्ताकार मार्ग पर चक्कर लगा रहा है। इसी इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा $7.2 \times {10^{ - 18}}\,J$ है। मार्ग की त्रिज्या .......$cm$ है
$1.25$
$2.5$
$12.5$
$25$
$m$ द्रव्यमान एवं $q$ आवेश से आवेशित एक कण ${H^ + },\,H{e^ + }$ -अक्ष के अनुदिश $v$ वेग से गति करता हुआ विद्युत क्षेत्र $E$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में प्रवेश करता है। निम्न में से किस चित्र में आवेश पर लगने वाला बल शून्य हो सकता है
एक इलेक्ट्रॉन ($q = 1.6 \times 10^{-19}\, C$) $3.534 \times 10^{-5}\, T$ के एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् गति कर रहा है। इलेक्ट्रॉन को एक वृत्तीय कक्षा पूर्ण करने में लगा समय......$µs$ है
एक आवेशित कण को एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् तल में प्रक्षेपित किया जाता है, इस कण द्वारा बनाया गया क्षेत्रफल निम्न में से किसके समानुपाती होगा
दो आयनों, जिनके द्रव्यमान समान हैं, पर आवेशों का अनुपात $1: 2$ है। इन्हें किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के अभिलम्बवत् $2: 3$ के अनुपात में चालों से प्रक्षेपित किया गया है। इनके वत्तीय प्रक्षेप पथों की त्रिज्याओं का अनुपात होगा।
हॉल प्रभाव की स्थिति में, $Q$ आवेश एवं $A$ अनुप्रस्थ काट वाली पट्टिका पर कार्यरत लॉरेन्ज बल है