किसी अंतरिक्ष किरण प्रयोग में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन का संसूचन होता है जिसमें पहले कण की गतिज ऊर्जा $10\, keV$ है और दूसरे कण की गतिज ऊर्जा $100\, keV$ है। इनमें कौन-सा तीब्रगामी है, इलेक्ट्रॉन या प्रोटॉन ? इनकी चालों का अनुपात ज्ञात कीजिए। ( इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $=9.11 \times 10^{-31} kg$, प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.67 \times 10^{-27}\, kg , 1\, eV$ $\left.=1.60 \times 10^{-19} J \right)$
Electron is faster; Ratio of speeds is $13.54: 1$
Mass of the electron, $m_{ e }=9.11 \times 10^{-31} kg$
Mass of the proton, $m_{ p }=1.67 \times 10^{-27} kg$
Kinetic energy of the electron, $E_{ Ke }=10 keV =10^{4} eV$
$=10^{4} \times 1.60 \times 10^{-19}$
$=1.60 \times 10^{-15} J$
Kinetic energy of the proton, $E_{K p}=100 keV =10^{5} eV =1.60 \times 10^{-14} J$
For the velocity of an electron $v_{e},$ its kinetic energy is given by the relation:
$E_{ Ke }=\frac{1}{2} m v_{ c }^{2}$
$\therefore v_{e}=\sqrt{\frac{2 \times E_{ Ke }}{m}}$
$=\sqrt{\frac{2 \times 1.60 \times 10^{-15}}{9.11 \times 10^{-31}}}=5.93 \times 10^{7} m / s$
For the velocity of a proton $v_{ p },$ its kinetic energy is given by the relation:
$E_{ Kp }=\frac{1}{2} m v_{ p }^{2}$
$v_{p}=\sqrt{\frac{2 \times E_{ Kp }}{m}}$
$\therefore v_{ p }=\sqrt{\frac{2 \times 1.6 \times 10^{-14}}{1.67 \times 10^{-27}}}=4.38 \times 10^{6} m / s$
Hence, the electron is moving faster than the proton.
The ratio of their speeds:
$\frac{v_{c}}{v_{p}}=\frac{5.93 \times 10^{7}}{4.38 \times 10^{6}}=13.54: 1$
$200$ किग्रा व $300 $ किग्रा के दो डिब्बों को जो क्षैतिज पटरियों पर स्थित हैं, एक-दूसरे से दूर हटाया जा रहा है। पटरियों और डिब्बों के बीच लगने वाला घर्षण दोनों के लिये समान है। यदि $200$ किग्रा वाला डिब्बा $36$ मी की दूरी चल कर रुक जाये तो $300$ किग्रा वाले डिब्बे के द्वारा चली गई दूरी ........ $m$ होगी
$DNA$ में एक बंध को खण्डित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा $10^{-20}\, J$ है। $eV$ में यह मान है, लगभग :
$5 \mathrm{~kg}$ द्रव्यमान का कोई पिण्ड, $10 \mathrm{~kg} \mathrm{~ms}^{-1}$ के संवेग से गति कर रहा है। अब, इस पर $2 \mathrm{~N}$ का बल, इसकी गति की दिशा में $5 \mathrm{~s}$ के लिए आरोपित होता है। पिण्ड की गतिज ऊर्जा में हुई वृद्धि____________$\mathrm{J}$ है।
दो असमान द्रव्यमानों ${m_1}$ तथा ${m_2}$ के पिण्डों के संवेग बराबर हैं, तो उनकी गतिज ऊर्जाओं ${E_1}$ व ${E_2}$ का अनुपात है
$2\,kg$ के एक पिण्ड को $490$ जूल की गतिज ऊर्जा के साथ ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर फेंका गया है। यदि गुरुत्वीय त्वरण $9.8$ मी/सै$^{2}$ हो, तो पिण्ड की वह ऊँचाई, जहाँ पर इसकी गतिज ऊर्जा प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा की आधी रह जायेगी,................. $\mathrm{m}$ होगी