एक इलेक्ट्रॉन $+ x$ दिशा में $6 \times 10^{6} \,ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है। यह $+ y$ दिशा में लगने वाले $300\, V / cm$ के एक समान वैधुत क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि इलेक्ट्रॉन $x$ दिशा में ही चलता रहता है तो इस स्थान पर उपस्थित चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण और दिशा होंगे।
$5 \times 10^{-3} T ,$ $+ z$ दिशा में
$3 \times 10^{-4} T ,$ $- z$ दिशा में
$3 \times 10^{-4} T ,$ $+ z$ दिशा में
$5 \times 10^{-3} T ,$ $- z$ दिशा में
एक इलेक्ट्रॉन को $12000\, volts$ के विभवान्तर से त्वरित किया जाता है। जिसके पश्चात यह ${10^{ - 3}}\,T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इलेक्ट्रॉन के पथ के लम्बवत् है। इलेक्ट्रॉन के पथ की त्रिज्या ज्ञात कीजिये
(दिया है इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $ = 9 \times {10^{ - 31}}kg$ तथा इलेक्ट्रॉन का आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}C)$
जब कोई विद्युत आवेशित कण एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है तो इसकी गतिज ऊर्जा
एक इलेक्ट्रॉन एक चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इलेक्ट्रॉन के वेग के लम्बवत् है, तो
एक आयनित गैस में धनायन व ऋणायन दोनों उपस्थित हैं। यदि इस पर एकसाथ विद्युत क्षेत्र $+ x$ दिशा में व चुम्बकीय क्षेत्र $+ z$ दिशा में आरोपित किये जाये तब
विभवान्तर $V$ से एक प्रोटॉन तथा एक $\alpha$-कण (जिनके द्रव्यमान का अनुपात $1: 4$ तथा आवेशों का अनुपात $1: 2$ है) को स्थिरावस्था से त्वरित करते हैं। यदि उनके वेगों के लम्बवत् एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ लगाया जाये तो इन कणों के वृत्ताकार पथों की त्रिज्याओं का अनुपात $r _{ p }: r _{\alpha}$ होगा ।