रुद्धोष्म परिवर्तन हेतु एक परमाण्विक गैस के लिये दाब तथा ताप में सम्बन्ध $P \propto T^c$ है। यहाँ $c$ का मान होगा
$5/3$
$2/5$
$3/5$
$5/2$
$V$ आयतन की कुछ नियत मात्रा की गैस को $27^{\circ}\,C$ तापमान एवं $2 \times 10^7\,Nm ^{-2}$ दाब पर, समतापीय प्रक्रम से, इसका आयतन दोगुना होने तक प्रसारित किया जाता है। इसके बाद, इसे रूद्धोष्म प्रक्रम से इसका आयतन फिर से दोबारा दोगुना होने तक प्रसारित किया जाता है। गैस के अंतिम दाब का मान होगा (दिया है $\gamma=1.5$ )
वह प्रक्रम जिसमें ऊष्मा का निकाय से आदान-प्रदान नहीं होता, कहलाता है
किसी रूद्धोष्म प्रक्रम में एक गैस का दाब उसके ताप के घन (क्यूब) के समानुपाती पाया जाता है, तो इस गैस के $\frac{C_{p}}{C_{v}}$ का अनुपात है
एक गैस $\gamma = 1.5$ को अपने प्रारम्भिक आयतन के एक चौथाई तक अचानक संपीडित किया जाता है। अन्तिम एवं प्रारम्भिक दाब का अनुपात होगा