नीचे दिखाए गए चित्रानुसार, कोई आदर्श गैस एक समान अवस्था से आरम्भ करके चार अलग-अलग प्रक्रमों से गुजरती है। ये
प्रक्रम रूद्धोष्म, समतापीय, समदाबीय एवं समआयतनिक हैं। $1 , 2,3$ एवं $4$ में से वह वक्र जो रुद्धोष्म प्रक्रम को निरूपित करता है, वह है :
$2$
$3$
$4$
$1$
${27^o}C$ ताप पर किसी एक-परमाणुक आदर्श गैस के $2$ मोल का आयतन $V $ है। यदि गैस को रूद्वोष्म रूप से $2V $ आयतन तक प्रसारित किया जाता है तो गैस द्वारा किया गया कार्य ....... $J$ होगा। $[\gamma = 5/3,\,R = 8.31J/mol\,K]$
सामान्य ताप तथा दाब पर हाइड्रोजन गैस $(\gamma = 1.4)$ की रुद्धोष्म प्रत्यास्थता होगी
एक एकपरमाणुक आदर्श गैस प्रारम्भिक ताप ${T_1}$ पर, एक पिस्टन युक्त सिलिण्डर में भरी है। पिस्टन को अचानक स्वतंत्र करके गैस को रुद्धोष्म रूप से ${T_2}$ ताप तक प्रसारित होने देते हैं यदि सिलिण्डर में, गैस के प्रसार से पहले एवं बाद में गैस स्तम्भों की लम्बाइयाँ क्रमश: ${L_1}$ तथा ${L_2}$ हैं, तब ${T_1}/{T_2}$ का मान है
कोई एकल परमाणवीय गैस, दाब $P$ एवं आयतन $V$ पर रखी है, इसका आयतन का अचानक से, इसके वास्तविक आयतन के $1 / 8$ भाग तक संपीडन किया जाता है। स्थिर ऐनट्रापी पर अंतिम दाब का मान क्या होगा ?
दिये गये चित्र में चार प्रक्रम, समआयतनिक, समदाबीय, समतापीय तथा रूद्धोष्म, दिखाये गये हैं। इन ग्राफों का इसी क्रम में सही निर्दिष्टीकरण होगा।