क्षैतिज से $30^{\circ}$ के कोण बनाने वाले किसी आनत तल को $200\, \frac{ N }{ C }$ के एकसमान क्षैतिज विधुत क्षेत्र में रखा गया है। आरेख में दर्शाए अनुसार, $1\, kg$ द्रव्यमान के किसी पिण्ड को, जिस पर $5\, mC$ आवेश है, विराम की र्थिति से $1\, m$ ऊँचाई से इस तल पर सरकाया गया है यदि घर्षण गुणांक $0.2$ हैं तो इस पिण्ड को तली तक पहुँचने में लगने वाला समय $.......$ सेकण्ड होगा। $[ g =$ $9.8 \,m / s ^{2}, \sin 30^{\circ}=\frac{1}{2} ; \cos 30^{\circ}=\frac{\sqrt{3}}{2}$ ]
$0.92$
$0.46$
$2.3$
$1.3$
अभ्यास में वर्णित कण की इलेक्ट्रॉन के रूप में कल्पना कीजिए जिसको $v_{x}=2.0 \times 10^{6}$ $m s ^{-1}$ के साथ प्रक्षेपित किया गया है। यदि $0.5 \,cm$ की दूरी पर रखी प्लेटों के बीच बिदुत क्षेत्र $E$ का मान $9.1 \times 10^{2}\, N / C$ हो तो ऊपरी प्लेट पर इलेक्ट्रॉन कहाँ टकराएगा? $\left(|e|=1.6 \times 10^{-19} C , m_{e}=9.1 \times 10^{-31} kg .\right)$
एक आवेशित कण ( द्रव्यमान $m$ एवं आवेश $q )$ $X$ अक्ष के सापेक्ष $V _{0}$ वेग से गतिमान है। जब यह मूल बिन्दु से एकसमान विघुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=- E \hat{ j }$ क्षेत्र से गुजरता है तो $x = d$ से विस्तारित होता है। क्षेत्र $X > d$ में इलेक्ट्रॉन पथ का समीकरण है
कागज के तल में उत्तर से दक्षिण की ओर अनुदिश विद्युत क्षेत्र में, कैथोड किरणें पूर्व से पश्चिम दिशा में प्रवेश करती हैं। कैथोड किरणें विक्षेपित होंगी
एक इलेक्ट्रॉन $x$-अक्ष के अनुदिश गति कर रहा है तथा विद्युत क्षेत्र $y$-अक्ष की दिशा में है तो इलेक्ट्रॉन का पथ होगा
एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान ${m_e}$ है प्रारम्भ में विराम अवस्था में है। ${t_1}$ समय में इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में निश्चित दूरी से चलता है। एक प्रोटॉन जिसका द्रव्यमान ${m_p}$ है, वह भी विराम अवस्था में है। प्रोटॉन भी इसी विद्युत क्षेत्र में उतनी ही दूरी चलने में ${t_2}$ समय लेता है। यदि गुरुत्वीय प्रभाव नगण्य माना जाये तो ${t_2}/{t_1}$ का लगभग मान होगा