एक कण नियत चाल $v$ से $r$ त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग पर गति करता है तथा एक चक्कर $T$ समय में पूर्ण करता है। कण का त्वरण है
$2\,\pi \,v/T$
$2\,\pi \,r/T$
$2\,\pi \,{r^2}/T$
$2\,\pi \,{v^2}/T$
कोई वायुयान $900\, km h ^{-1}$ की एकसमान चाल से उड़ रहा है और $1.00\, km$ त्रिज्या का कोई क्षैतिज लूप बनाता है । इसके अभिकेंद्र त्वरण की गुरुत्वीय त्वरण के साथ तुलना कीजिए |
एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है। यदि अभिकेन्द्रीय बल $F$ को नियत रखें परन्तु कोणीय वेग को दोगुना कर दें, तो पथ की नई त्रिज्या होगी (वास्तविक त्रिज्या $R$ है)
घड़ी के सैकण्ड वाले काँटे की लम्बाई $6$ सेमी है। इसके सिरे पर स्थित बिन्दु की चाल तथा दो परस्पर लम्बवत् स्थितियों में इस बिन्दु के वेग में अन्तर का परिमाण क्रमश: होंगे
एक पहिया $9.5$ किलोमीटर की दूरी तय करने में $2000$ चक्कर लगाता है। पहिए का व्यास है
एक पंखा $600$ चक्कर प्रति मिनट लगा रहा है। कुछ समय पश्चात् यह $1200$ चक्कर प्रति मिनट लगाता है। तब इसके कोणीय वेग में वृद्धि है