दो समान्तर क्षैतिज प्लेट जो एक दूसरे से $2$ सेमी. दूरी पर हैं के मध्य $12000 \,V$ का विभवान्तर आरोपित किया जाता है। एक तेल बूंद जिस पर $2e$ आवेश है प्लेटों के मध्य स्थिर है। यदि तेल का घनत्व $900$ किमी./मी$^3$ हो तो बूंद की त्रिज्या होगी
$2.0 \times {10^{ - 6}}\,m$
$1.7 \times {10^{ - 6}}\,m$
$1.4 \times {10^{ - 6}}\,m$
$1.1 \times {10^{ - 6}}\,m$
दो समान्तर पट्टिकाओं के बीच की दूरी $5\,mm$ है और इनके बीच $50\,V$ का विभवान्तर है। ${10^{ - 15}}\,kg$ द्रव्यमान और ${10^{ - 11}}\,C$ कूलॉम आवेश वाला एक कण ${10^7}\,m/s$ के वेग से इसमें प्रवेश करता है। इस कण का त्वरण होगा
किसी गोलाकार आवेशित गेंद के लिए गेंद के अंदर स्थित वैद्युत विभव का मान $r$ के साथ $V=2 a r^2+b$ के अनुसार परिवर्तित होता है: यहाँ, $a$ एवं $b$ स्थिरांक है, तथा $r$ केन्द्र से दूरी है। गेंद के अंदर आयतन आवेश घनत्व $-\lambda \mathrm{a} \varepsilon$ है। $\lambda$ का मान _____________ होगा। $\varepsilon=$ माध्यम की विद्युतशीलता
एकसमान वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ${E_0}$ की दिशा $X - $ अक्ष के धनात्मक के अनुदिश है। यदि $x = 0$ पर विभव $V = 0$ है, तो इसका मान $x = + x$ दूरी पर होगा
दो धातु की पट्टियाँ जिनके बीच विभवान्तर $800\,$वोल्ट है, क्षैतिज अवस्था में एक-दूसरे से $0.02\,$ मीटर की दूरी पर है। एक $1.96 \times {10^{ - 15}}$ किग्रा संहति का कण इनके बीच सन्तुलन में लटका है। यदि $e$ मूल आवेश हो, तो कण पर आवेश होगा
निम्न चित्र में समविभवी सतहें प्रदर्शित हे। विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी