मिलिकन तेल बूँद प्रयोग में $2.55 \times 10^{4} \,N C ^{-1}$ के नियत विध्यूत क्षेत्र के प्रभाव में $12$ इलेक्ट्रोंन आधिक्य की कोई तेल बूँद स्थिर रखी जाती है। तेल का घनत्व $1.26\, g cm ^{-3}$ है। बूँद की त्रिज्या का आकलन कीजिए $\left(g=9.81 m s ^{-2} ; e=1.60 \times 10^{-19} C \right) 1$
$7.24 \times 10^{-4} \;cm$.
$9.82 \times 10^{-4} \;mm$.
$8.34 \times 10^{-4} \;m$.
$4.25 \times 10^{-5} \;mm$.
एक ऊर्ध्वाधर विद्युत क्षेत्र का परिमाण $4.9 \times 10^5\,N / C$ है। यह द्रव्यमान $0.1\,g$ वाली जल की बूँद को गिरने से रोकता है। बूँद पर आवेश का मान ........ $\times 10^{-9} \;C$ -(दिया गया है $g =9.8\,m / s ^2$ )
मिलिकॉन ऑयल ड्रॉप प्रयोग में, नियत विधुत क्षेत्र $3.55 \times 10^{5} \,V m ^{-1}$ के अधीन एक तेल की बूंद जिसकी त्रिज्या $2 \,mm$ और घनत्व $3\, g \,cm { }^{-3}$ है, को स्थिर रखा गया है। तेल की बूंद पर उपस्थित अत्यधिक इलेक्ट्रॉनों की संख्या होगी। (माना $g =9.81 \,m / s ^{2}$ )
एक आवेशित कण $20000\, V/m$ के एकसमान ऊध्र्वाधर विद्युत क्षेत्र में संतुलन में लटका हुआ है। यदि कण का द्रव्यमान $9.6 \times {10^{ - 16}}\,kg$ है, तब कण पर आवेश एवं आधिक्य में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्रमश: होगी
वायु की अवरोधकता $E = 3 \times {10^6}\, V/m$ की वैद्युत तीव्रता पर टूट जाती है। कूलॉम मात्रक में $5$ मी व्यास के गोलाकार को कितना अधिकतम आवेश दिया जा सकता है
हाइड्रोजन परमाणु में प्रोटॉन व इलेक्ट्रॉन के बीच की दूरी ${10^{ - 10}}$ मीटर है। इन दोनों पर आवेश का परिमाण $1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$ है। प्रोटॉन के कारण इलेक्ट्रॉन पर उत्पé विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा