सामान्य ताप व दाब पर $1$ मोल द्विपरमाण्विक गैस को रुद्धोष्म रीति से संपीड़ित करके इसका आयतन आधा कर दिया जाता है, तब गैस पर किया गया कार्य........ $J$ है ($\gamma = 1.41$)
$1280 $
$1610 $
$1815 $
$2025 $
$5$ मोल (mole) एकपरमाणुक तथा $1$ मोल दृढ़ द्विपरमाणुक आदर्श गैस के मिश्रण का आरंभ में दाब $P _0$, आयतन $V _0$ और तापमान $T _0$ है। यदि गैस के मिश्रण को रूद्धोष्म (adiabatic) प्रक्रम से इतना संपीडित किया जाता है कि आयतन $V _0 / 4$ हो जाए तब निम्नलिखित कथनों में से कौनसा/कौनसे सही है( हैं) ?
(दिया है, $2^{1.2}=2.3 ; 2^{3.2}=9.2 ; R$ गैस नियतांक है)
$(1)$ संपीडन के पश्चात अंतिम दाब $9 P _0$ और $10 P _0$ के बीच है।
$(2)$ संपीडन के बाद गैस की औसत गतिज ऊर्जा का मान $18 RT _0$ और $19 RT$ के बीच है।
$(3)$ प्रक्रम में किया गया कार्य $| W |=13 RT _0$ है।
$(4)$ गैस के मिश्रण का रूद्धोष्म नियतांक $1.6$ है।
एक गैस $\gamma = 1.5$ को अपने प्रारम्भिक आयतन के एक चौथाई तक अचानक संपीडित किया जाता है। अन्तिम एवं प्रारम्भिक दाब का अनुपात होगा
जब गैस का रुद्धोष्म प्रसार होता है
तापमान $300\, K$ से शुरू होकर $1$ मोल द्विपरमाणुक आदर्श गैस $(\gamma=1.4)$ का पहले रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा $V _{1}$ आयतन से $V _{2}=\frac{ V _{1}}{16}$ आयतन तक संपीडन किया जाता है। तत्पश्चात इसे समदाबीय प्रक्रिया द्वारा $2 V _{2}$ आयतन तक प्रसारित होने दिया जाता है। यदि सभी प्रक्रियाएँ स्थैतिककल्प (quasi-static) हों तो गैस का अन्तिम तापमान का (निकटतम पूर्णांक ${ }^{\circ} K$ में) होगा।
यदि $\gamma = 2.5$ वाली एक गैस का आयतन प्रारम्भिक आयतन का $\frac{1}{8}$ गुना कर दिया जाये तो दाब $P'$ बराबर होगा (प्रारम्भिक दाब $= P$)