समान प्रारम्भिक अवस्था से एक आदर्श गैस तीन अलग-अलग प्रक्रमो द्वारा $V _1$ से $V _2$ आयतन तक प्रसारित होती है। यदि प्रक्रम समतापी है, तो गैस द्वारा किया गया कार्य $W _1$ है तथा यदि प्रक्रम रुद्धोप्म है तो कार्य $W _2$ और यदि समदाबी है तो किया गया कार्य $W _3$ है तो सही कथन चुनिये।
$W _{1} < W _{2} < W _{3}$
$W _{2} < W _{3} < W _{1}$
$W _{3} < W _{1} < W _{2}$
$W _{2} < W _{1} < W _{3}$
रुद्धोष्म प्रसार में ताप को $T$ से $T_1$ तक परिवर्तित करने पर सम्पन्न कार्य होता है
किसी गोलीय कोश (शेल) की त्रिज्या $R$ और तापमान $T$ है। इसके भीतर कुष्षिका विकिरणों को फोटॉनों की एक ऐंसी आदर्श़ गैंस माना जा सकता है जिसकी प्रति इकाई आयतन आन्तरिक ऊर्जा, $u=\frac{U}{V} \propto T^{4}$ तथा दाब, $p=\frac{1}{3}\left(\frac{U}{V}\right)$ है। यदि इस कोश़ में रुधोष्म प्रसार हां तो, $T$ तथा $R$ के वीच संबंध होगा
एक ऊष्मारोधी (thermally insulating) बेलन के मध्य में एक घर्षणहीन चलायमान (frictionless movable) तथा ऊष्मारोधी द्विभाजक (partition) चित्रानुसार, लगा है। इसके दोनों भागों में एक-एक मोल (mole) आदर्श गैस हैं, जिसकी स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा $C_v=2 R$ है। यहाँ, $R$ गैस नियतांक है। आरंभ में, दोनों भागों का आयतन $V_0$ तथा तापमान $T_0$ है। बाएँ भाग में एक विद्युत हीटर लगा है, जिसको बहुत कम शक्ति (very low power) पर चलाकर बांयी तरफ की गैस को $Q$ ऊष्मा दी जाती है। इससे द्विभाजक, धीमी गति से दांयी तरफ जाता है जिससे दांयी तरफ का आयतन घटकर $V_0 / 2$ हो जाता है। इसके फलस्वरूप बांयी एवं दार्यीं भागों में गैस का तापमान क्रमशः $T_L$ तथा $T_R$ हो जाता है। हीटर, बेलन तथा द्विभाजक के तापमानों में परिवर्तन उपेक्षणीय है।
($1$) $\frac{T_R}{T_0}$ का मान है -
$(A)$ $\sqrt{2}$ $(B)$ $\sqrt{3}$ $(C)$ $2$ $(D)$ $3$
($2$) $\frac{Q}{R T_0}$ का मान है -
$(A)$ $4(2 \sqrt{2}+1)$ $(B)$ $4(2 \sqrt{2}-1)$ $(C)$ $(5 \sqrt{2}+1)$ $(D)$ $(5 \sqrt{2}-1)$
दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)
निम्न $P-V$ वक्र में दो रुद्धोष्म वक्र दो समतापीय वक्रों को तापक्रम $T_1$ तथा $T_2$ पर काटते हैं। $\frac{{{V_a}}}{{{V_d}}}$ का मान होगा
एक आदर्श गैस में रुद्धोष्म परिवर्तन होता है । इसके दाब तथा ताप के बीच संबंध होगाः