एक समान्तर-पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं के मध्य $1$ मिलीमीटर मोटा और परावैद्युतांक $4$ वाला कागज लगा हुआ है। $100$ वोल्ट पर इसे आवेशित किया गया है। इस संधारित्र की पट्टिकाओं के मध्य विद्युत क्षेत्र का मान वोल्ट/मीटर में होगा

  • A

    $100$

  • B

    $100000$

  • C

    $25000$

  • D

    $4000000$

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धारिता $12\, pF$ वाले एक समान्तर पट्ट संधारित्र को इसकी प्लेटों के मध्य $10\, V$ विभवान्तर उत्पन्न करने के लिए एक बैटरी द्वारा आवेशित किया जाता है। अब आवेशन बैटरी को हटा दिया जाता है तथा प्लेटों के मध्य $6.5$ परावैधुतांक वाली पोर्सिलेन पट्टिका लगाई जाती है तो पट्टिका पर संधारित्र द्वारा किया गया कार्य ......$pJ$ है।

  • [JEE MAIN 2019]

दो संधारित्रों को श्रेणी क्रम में जोड़ा गया है, जिनमें प्रत्येक की धारिता $40\,\mu F$ है। इनमें से एक संधारित्र की पट्यियों के बीच के स्थान को $K$ परावैद्युतांक वाले परावैद्युत पदार्थ से भरा जाता है कि निकाय की तुल्य धारिता $24\,\mu F$ हो जाती है। $K$ का मान होगा :

  • [JEE MAIN 2022]

दो संधारित्र जिनकी धारिताएं $2 C$ और $C$ है को पार्श्व में जोड़कर, $V$ वोल्टेज तक आवेशित किया गया है। बैटरी को हटाकर, $C$ धारिता वाले संधारित्र को, $K$ परावैधुतांक वाले माध्यम से भर दिया गया है। संधारित्रों के सिरों पर विभवांतर का मान होगा।

  • [JEE MAIN 2021]

यदि एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच $4 \times {10^{ - 3}}\,m$ मोटी एक कुचालक पट्टी रख दी जाये तो इसकी धारिता पूर्व मान पर लाने के लिए प्लेटों के मध्य दूरी $3.5 \times {10^{ - 3}}\,m$ से बढ़ानी पड़ती है। पदार्थ का परावैद्युतांक होगा

$2C$ व $C$ धारिता वाले दो संधारित्रों को समांतर क्रम में जोड़कर $V$ भव तक आवेशित किया जाता है। बैटरी को हटाकर $C$ धारिता वाले संधारित्र में परावैद्युतांक स्थिरांक $K$ वाला माध्यमपूर्ण रूप से भर दिया जाता है। प्लेटों के बीच अब विभवान्तर होगा

  • [IIT 1988]