एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों की बीच दूरी $0.01\, mm$ है तथा एक परावैद्युत, जिसकी परावैद्युत क्षमता $19\, KV/mm$ है, प्लेटों के बीच एक कुचालक की तरह उपयोग किया गया है तो अधिकतम विभवान्तर जो संधारित्र की प्लेटों के मध्य आरोपित किया जा सके .......$V$ होगा
$190$
$290$
$95$
$350$
एक परावैद्युत पट्टी को संधारित्र की प्लेटों के बीच रखते हैं, जबकि संधारित्र बैटरी से जुड़ा है, तब
एक समान्तर प्लेट संधारित्र, जिसका क्षेत्रफल $A$, प्लेट अंतराल $d$ एवं धारिता $C$ है, को तीन परावैद्युत पदार्थों से भारा गया है। इनके परावैद्युतांक ${K_1},{K_2}$ और ${K_3}$ हैं। यदि केवल एक परावैद्युत पदार्थ का प्रयोग करके इस संधारित्र की वही धारिता $C$ प्राप्त करनी हो तो इसके परावैद्युतांक $k$ का समीकरण है
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य $d$ मोटाई की परावैद्युत पट्टी रखी जाती है। संधारित्र की ऋणात्मक प्लेट $x = 0$ पर है तथा धनात्मक प्लेट $x = 3d$ पर है। परावैद्युत पट्टी की दोनों प्लेटों से दूरी समान है। संधारित्र को फिर आवेशित किया जाता है। जैसे-जैसे $x$ का मान $0$ से $3d$ हो जायेगा
एक समानान्तर पट्ट संधारित्र दो प्लेटो से बना है। प्रत्येक का क्षेत्रफल $30\,\pi\,cm ^2$ है तथा ये एक दूसरे से $1\,mm$ दूरी पर है। एक परावैद्युत पदार्थ (परावैद्युतांक सामर्थ्य $3.6 \times 10^7\,Vm ^{-1}$ ) को प्लेटो के मध्य भरा जाता है। यदि परावैद्युत को बिना क्षति पहुँचाये संधारित्र अधिकतम आवेश $7 \times 10^{-6}\,C$ को वहन कर सकता है तो पदार्थ का परावैद्युतांक ज्ञात कीजिए। $\left\{\frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}=9 \times 10^9 Nm ^2 C ^{-2}\right\}$
दिखाए गए चित्र में, एक समांतर प्लेट संधारित्रों की प्लेटों के मध्य एक संयुक्त परावैधुत रखकर, संधारित्र बनाया गया है। इस संधारित्र की धारिता होगी। (दिया है, प्लेट का क्षेत्रफल $= A$ )