हाइगेन के तरंग सिद्धांत द्वारा स्पष्ट नहीं कर सकते हैं

  • A

    प्रकाश का व्यतिकरण

  • B

    प्रकाश का विवर्तन

  • C

    प्रकाश-विद्युत प्रभाव

  • D

    प्रकाश का धु्रवण

Similar Questions

निम्न चित्र में, एक तरंगाग्र $AB$ जो हवा में गति कर रहा है, किसी काँच के तल $XY$ पर आपतित होता है। इसकी स्थिति $CD$, काँच से अपवर्तन के पश्चात् $A$ व $D$ पर अभिलम्ब के साथ प्रदर्शित है। काँच का हवा ($\mu = 1$) के सापेक्ष अपवर्तनांक बराबर है

आप मूल पाठ में जान चुके हैं कि हाइगेंस का सिद्धांत परावर्तन और अपवर्तन के नियमों के लिए किस प्रकार मार्गदर्शक है। इसी सिद्धांत का उपयोग करके प्रत्यक्ष रीति से निगमन (deduce) कीजिए कि समतल दर्पण के सामने रखी किसी वस्तु का प्रतिबिब आभासी बनता है, जिसकी दर्पण से दूरी, बिब से दर्पण की दूरी के बराबर होती है।

निम्नलिखित दशाओं में प्रत्येक तरंगाग्र की आकृति क्या है?

$(a)$ किसी बिंदु स्रोत से अपसरित प्रकाश।

$(b)$ उत्तल लेंस से निर्गमित प्रकाश, जिसके फ़ोकस बिंदु पर कोई बिंदु स्रोत रखा है।

$(c)$ किसी दूरस्थ तारे से आने वाले प्रकाश तरंगाग्र का पृथ्वी द्वारा अवरोधित (intercepted) भाग।

ग्रीष्म ऋतु की गर्म रात्रि में, भू-तल के निकट, वायु का अपवर्तनांक न्यूनतम होता है और भू-तल से ऊँचाई के साथ बढ़ता जाता है। यदि, कोई प्रकाश-किरण-पुंज क्षैतिज दिशा में जा रहा हो तो, हाइगेन्स के सिद्धान्त से यह परिणाम प्राप्त होता है कि, चलता प्रकाश-किरण पुंज

  • [JEE MAIN 2015]

प्रकाश का एक समान्तर पुंज नीचे चित्र में दर्शाए गये अनुप्रस्थ-काट वाले पारदर्शी काँच के एक टुकड़े से टकराता है। निर्गत तरंगाग्र की सही आकृति होगी। (रेखांचित्र सांकेतिक है।)

  • [IIT 2020]