हाइगन तरंग सिद्धांत से ज्ञात हो सकता है
तरंग की तरंगदैध्र्य
तरंग की चाल
तरंग का आयाम
तरंगाग्र का संचरण
(d)हाइगेन सिद्धांत से तरंगाग्र के संचरण को समझाया गया।
आप मूल पाठ में जान चुके हैं कि हाइगेंस का सिद्धांत परावर्तन और अपवर्तन के नियमों के लिए किस प्रकार मार्गदर्शक है। इसी सिद्धांत का उपयोग करके प्रत्यक्ष रीति से निगमन (deduce) कीजिए कि समतल दर्पण के सामने रखी किसी वस्तु का प्रतिबिब आभासी बनता है, जिसकी दर्पण से दूरी, बिब से दर्पण की दूरी के बराबर होती है।
हाइगन की तरंगाग्र रचना से क्या नहीं समझाया जा सकता
हाइगेन के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धान्त का उपयोग कर सकते हैं
हाइगन के सिद्धान्त में मुख्य कमी थी
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