$\alpha $ - कण पर आवेश है
$4.8 \times {10^{ - 19}}\,C$
$1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$
$3.2 \times {10^{ - 19}}\,C$
$6.4 \times {10^{ - 19}}\,C$
धातु का आवेशित गोला $A$ नाइलॉन के धागे से निलंबित है। विध्युतरोधी हत्थी द्वारा किसी अन्य धातु के आवेशित गोले $B$ को $A$ के इतने निकट लाया जाता है कि चित्र $( a )$ में दर्शाए अनुसार इनके केंद्रों के बीच की दूरी $10\, cm$ है। गोले $A$ के परिणामी प्रतिकर्षण को नोट किया जाता है ( उदाहरणार्थं- गोले पर चमकीला प्रकाश पुंज डालकर तथा अंशांकित पर्दे पर बनी इसकी छाया का विक्षेपण मापकर )। $A$ तथा $B$ गोलों को चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार, क्रमशः अनावेशित गोलों $C$ तथा $D$ से स्पर्श कराया जाता है। तत्पश्चात चित्र $(c)$ में दर्शाए अनुसार $C$ तथा $D$ को हटाकर $B$ को $A$ के इतना निकट लाया जाता है कि इनके केंद्रों के बीच की दूरी $5.0\, cm$ हो जाती है। कूलॉम नियम के अनुसार $A$ का कितना अपेक्षित प्रतिकर्षण है? गोले $A$ तथा $C$ एवं गोले $B$ तथा $D$ के साइज् सर्वसम हैं। $A$ तथा $B$ के केंद्रों के पृथकन की तुलना में इनके साइजो की उपेक्षा कीजिए।
पृथक्-पृथक् डोरियों से क्रमांक $1$ से $5$ तक अंकित गेंद लटकायी जाती हैं। युग्म $(1, 2)$, $(2, 4)$ तथा $(4, 1)$ परस्पर वैद्युत स्थैतिक आकर्षण बल दर्शाते हैं जबकि युग्म $(2, 3)$ और $(4, 5)$ प्रतिकर्षण दर्शाते हैं, तो गेंद क्रमांक $1$ होना चाहिये
विद्युत आवेश की एकसमान गति से उत्पन होता है
एक साबुन के बुलबुले को ऋण आवेश दिया गया है, तो उसकी त्रिज्या
जब काँच की छड़ को सिल्क से रगड़ा जाता है तो यह