विकिरण की द्वैत प्रकृति दर्शायी जाती है

  • A

    विवर्तन और परावर्तन द्वारा

  • B

    विवर्तन और परावर्तन द्वारा

  • C

    विवर्तन और परावर्तन द्वारा

  • D

    प्रकाश विद्युत प्रभाव व विवर्तन द्वारा

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फोटॉन की न्यूनतम तरंगदैध्र्य $5000 \mathring A$ है, तो इसकी ऊर्जा होगी

मानव नेत्र के द्वारा संसूचित $(detect)$ की जा सकने वाली प्रकाश की न्यूनतम तीव्रता ${10^{ - 10}}W/{m^2}$ है। दिखायी देने के लिये ${10^{ - 6}}{m^2}$ क्षेत्रफल वाली आंख की पुतली में प्रति सैकण्ड प्रवेश करने वाले फोटॉनों की संख्या लगभग होगी (जबकि फोटॉन की तरंगदैध्र्य$\lambda  =5.6 \times {10^{ - 7}}m$ है)

एक धातु के लिए देहली आवृत्ति ${10^{15}}$ हर्ट्ज है।  $\lambda  = 4000{ \mathring A}$ का प्रकाश इसकी सतह पर आपतित होता है। निम्न में सही कथन है

निम्न में से कौन अविभाज्य है

किसी इलेक्ट्रॉन और किसी प्रोटॉन को एक दूसरे से अत्यधिक दूरी द्वारा पथक किया गया है। यह इलेक्ट्रॉन $3\; eV$ ऊर्जा के साथ प्रोटॉन की ओर गमन करना आरम्भ करता है। प्रोटॉन इस इलेक्ट्रॉन का प्रग्रहण कर लेता है और द्वितीय उत्तेजक अवस्था का हाइड्रोजन परमाणु बना लेता है। परिणामी फोटॉन $4000 \;\mathring A$ देहली तरंगदैर्ध्य की किसी प्रकाश सुग्राही धातु पर आपतन करता है। उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा क्या है ? ($eV$ मे)

  • [JEE MAIN 2021]