नीचे दर्शाये गये चित्र में, एक कुचालक बेलनाकार पात्र का आयतन ${V_0}$ है। इसे एक चिकने पिस्टन (क्षेत्रफल = $A$ ) द्वारा दो समान भागों में बाँटा गया है। एक आदर्श गैस $({C_P}/{C_V} = \gamma )$ दाब, $P_1$ एवं ताप $T_1$ पर पात्र के बाँये भाग में भरी गयी है। एवं दाँये भाग में भी यही गैस दाब $ P_2$ एवं ताप $T_2$ पर भरी गयी है। पिस्टन धीरे से विस्थापित होता है, एवं साम्यावस्था में स्थिर हो जाता है। दोनों भागों का अंतिम दाब होगा (मान लीजिए $x$ = पिस्टन का विस्थापन है)
${P_2}$
${P_1}$
$\frac{{{P_1}{{\left( {\frac{{{V_0}}}{2}} \right)}^\gamma }}}{{{{\left( {\frac{{{V_0}}}{2} + Ax} \right)}^\gamma }}}$
$\frac{{{P_2}{{\left( {\frac{{{V_0}}}{2}} \right)}^\gamma }}}{{{{\left( {\frac{{{V_0}}}{2} + Ax} \right)}^\gamma }}}$
किसी रूद्धोष्म प्रक्रिया में एक द्विपरमाणुक गैस का घनत्व पहले का $32$ गुना हो जाता है। प्रक्रिया के अंत में गैस का दबाव उसके शुरू के दबाव से $n$ गुना पाया जाता है। $n$ का मान होगा।
सामान्य ताप व दाब पर $1$ मोल द्विपरमाण्विक गैस को रुद्धोष्म रीति से संपीड़ित करके इसका आयतन आधा कर दिया जाता है, तब गैस पर किया गया कार्य........ $J$ है ($\gamma = 1.41$)
गैस के रूदोष्म प्रसार में
किसी गैस की आन्तरिक ऊर्जा बढ़ जाएगी जब उसका
समान प्रारम्भिक अवस्था से एक आदर्श गैस तीन अलग-अलग प्रक्रमो द्वारा $V _1$ से $V _2$ आयतन तक प्रसारित होती है। यदि प्रक्रम समतापी है, तो गैस द्वारा किया गया कार्य $W _1$ है तथा यदि प्रक्रम रुद्धोप्म है तो कार्य $W _2$ और यदि समदाबी है तो किया गया कार्य $W _3$ है तो सही कथन चुनिये।