यहाँ दो कथन दिये गये है-
कथन$-I$ : आदर्श गैस की $\mu$ मात्रा, एक अवर्था $\left( P _1, V _1, T _1\right)$ से दूसरी अवस्था $\left( P _2, V _2, T _2\right)$ में रुद्धोष्म प्रक्रम में परिवर्तित होती है। तब किया गया कार्य $W =\frac{1 R \left( T _2- T _1\right)}{1-\gamma}$ है, जहाँ $\gamma=\frac{ C _{ P }}{ C _{ V }}$ तथा $R =$ सार्वत्रिक गैस नियंतांक है ।
कथन$-II$ : उपरोक्त कथन में, जब गैस पर कार्य किया जाता है, तब गैस का तापमान बढ़ेगा।
कथन $I$ एवं कथन $II$, दोनो सही है।
कथन $I$ एवं कथन $II$ दोनो गलत है।
कथन $I$ सही है लेकिन कथन $II$ गलत है।
कथन $I$ गलत है लेकिन कथन $II$ सही है।
एक इंजिन, $20^{\circ} C$ ताप एवं $1$ वायुमंडलीय दाब पर $5$ मोल हवा लेकर मूल आयतन का $\frac{1}{10}$ रूद्धोष्म रूप से संपीड़ित करता है। हवा को दृढ़ अणुओं से बना द्विपरमाण्विक आदर्श गैस मानते हुए इस प्रक्रिया में आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन $XKJ$ है। $X$ का मान निकटतम पूर्णांक में है
एक आदर्श गैस को $27°C$ पर रुद्धोष्म संपीडित किया जाता है कि उसका आयतन, प्रारम्भिक आयतन का $8/27 $ गुना हो जाता है यदि $\gamma = 5/3$ है, तो ताप वृद्धि ....... $K$ होगी
किसी एकपरमाणुक आदर्श गैस के $2$ मोल, $27^{\circ} C$ तापमान पर $V$ आयतन घेरते है। गैस का आयतन रूद्वोष्म प्रक्रम द्वारा फैल कर $2\, V$ हो जाता है। गैस के $(A)$ अंतिम तापमान का मान एवं $(B)$ उसकी आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन का मान होगा
एक काल्पनिक गैस, रूद्धोष्म प्रक्रम द्वारा इस प्रकार प्रसारित होती है कि इसका आयतन $8$ लीटर से $27$ लीटर हो जाता है। यदि गैस के अंतिम दाब एवं इसके प्रारम्भिक दाब का अनुपात $\frac{16}{81}$ है तो अनुपात $\frac{\mathrm{C}_{\mathrm{p}}}{\mathrm{C}_{\mathrm{V}}}$ होगा:
जब गैस का रुद्धोष्म प्रसार होता है