नीचे दो कथन दिये गये है: एक को अभिकथन $A$ तथा दूसरे को कारण $R$ से चिन्हित किया जाता है। अभिकथन $A$ : $(5 \pm 0.1) \mathrm{mm}$ त्रिज्या एवं एक निश्चित घनत्व की एक गोलाकार वस्तु एक नियत घनत्व के द्रव में गिर रही है। इसके सीमान्त वेग की गणना में प्रतिशत त्रुटि $4 \%$ है।
कारण $R$ : द्रव में गिरती हुई गोलाकार वस्तु का सीमान्त वेग इसकी त्रिज्या के व्युत्क्रमानुपाती होता है। उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
दोनों $A$ तथा $R$ सही हैं परन्तु $R, A$ की सही व्याख्या नहीं है।
दोनों $A$ तथा $R$ सही. हैं एवं $R, A$ की सही व्याख्या है।
$A$ गलत है परन्तु $R$ सही है।
$A$ सही है परन्तु $R$ गलत है।
यदि किसी तार की लम्बाई तथा व्यास दोनों के मापन में प्रतिशत त्रुटि $0.1 \%$ है। इसके प्रतिरोध के मापन में प्रतिशत त्रुटि होगी :
एक धात्विक तार का द्रव्यमान $(0.4 \pm 0.002)\,g$, त्रिज्या $(0.3 \pm 0.001)\,mm$ तथा लम्बाई $(5 \pm 0.02)\,cm$ है। घनत्व के मापन में अधिकतम संभव त्रुटि लगभग $.....\%$ होगी :
किसी प्रयोग में सरल लोलक का आवर्तकाल क्रमश: $2.63\, s, 2.56 \,s, 2.42 \,s, 2.71 \,s$ तथा $2.80 \,s$ मापा गया तो औसत निरपेक्ष त्रुटि ......... $s$ होगी
$R _{1}=100 \pm 3$ ओम व $R_{2}=$ $200 \pm 4$ ओम के दो प्रतिरोधकों को $(a)$ श्रेणी क्रम में, $(b)$ पाश्व क्रम में संयोजित किया गया है। $(a)$ श्रेणी क्रम संयोजन तथा $(b)$ पाश्व क्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। $(a)$ के लिए संबंध $R=R_{1}+R_{2}$ एवं $(b)$ के लिए $\frac{R}{R^{2}} \frac{R_{1}}{R_{1}^{2}} \frac{R_{2}}{R_{2}^{2}}$ का उपयोग कीजिए।