नीचे दो कथन दिये गये है: एक को अभिकथन $A$ तथा दूसरे को कारण $R$ से चिन्हित किया जाता है। अभिकथन $A$ : $(5 \pm 0.1) \mathrm{mm}$ त्रिज्या एवं एक निश्चित घनत्व की एक गोलाकार वस्तु एक नियत घनत्व के द्रव में गिर रही है। इसके सीमान्त वेग की गणना में प्रतिशत त्रुटि $4 \%$ है।

कारण $R$ : द्रव में गिरती हुई गोलाकार वस्तु का सीमान्त वेग इसकी त्रिज्या के व्युत्क्रमानुपाती होता है। उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।

  • [JEE MAIN 2023]
  • A

    दोनों $A$ तथा $R$ सही हैं परन्तु $R, A$ की सही व्याख्या नहीं है।

  • B

    दोनों $A$ तथा $R$ सही. हैं एवं $R, A$ की सही व्याख्या है।

  • C

    $A$ गलत है परन्तु $R$ सही है।

  • D

    $A$ सही है परन्तु $R$ गलत है।

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लम्बाई $L$ के एक सरल लोलक का प्रयोग कर गुरुत्वीय त्वरण $g$ का मान निकालने का एक प्रयोग किया जाता है। इस प्रयोग में $100$ दोलनों का समय $1$ सेकंड अल्पतमाँक वाली घड़ी से मापा जाता है और मान $90.0$ सेकंड है। लम्बाई $L \;1 \; mm$ अल्पतमाँक वाले मीटर पैमाने से मापी जाती है और इसका मान $20.0\; cm$ है। $g$ के मान के निर्धारण में त्रुटि होगी :

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  • [NEET 2023]

किसी प्रयोग में सरल लोलक का आवर्तकाल क्रमश: $2.63\, s, 2.56 \,s, 2.42 \,s, 2.71 \,s$ तथा $2.80 \,s$ मापा गया तो औसत निरपेक्ष त्रुटि ......... $s$ होगी

$R _{1}=100 \pm 3$ ओम व $R_{2}=$ $200 \pm 4$ ओम के दो प्रतिरोधकों को $(a)$ श्रेणी क्रम में, $(b)$ पाश्व क्रम में संयोजित किया गया है। $(a)$ श्रेणी क्रम संयोजन तथा $(b)$ पाश्व क्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। $(a)$ के लिए संबंध $R=R_{1}+R_{2}$ एवं $(b)$ के लिए $\frac{R}{R^{2}} \frac{R_{1}}{R_{1}^{2}} \frac{R_{2}}{R_{2}^{2}}$ का उपयोग कीजिए।