निम्न कथनों में से सही कथन है
लोलक के गोले का द्रव्यमान अधिक होने पर इसके दोलन की आवृत्ति कम हो जाती है
एक सरल लोलक के गोले का द्रव्यमान $M$ है, कोणीय आयाम $40^\circ $ से झूल रहा है। जब कोणीय आयाम $20^\circ $ होगा, तो धागे का तनाव $Mg\cos 20^\circ $ से कम होगा
यदि सरल लोलक की लम्बाई बढ़ा दी जाये, तो इसके दोलन के दौरान इसका अधिकतम वेग घट जाता है
ताप बदलने पर सरल लोलक के आवर्तकाल में आंशिक परिवर्तन, लोलक की लम्बाई से स्वतन्त्र होता है
एक स्प्रिंग से लटकाये गये किसी कण का आवर्तकाल $T$ है। यदि स्प्रिंग को चार बराबर भागों में काटकर उसी द्रव्यमान को किसी एक भाग से लटका दें तो नया आवर्तकाल होगा
दो स्प्रिंग जिनके बल नियतांक ${K_1} = 1500\,N/m$ तथा ${K_2} = 3000\,N/m$ है, समान बल से खींची जाती है। तो स्प्रिंगों में संचित स्थितिज ऊर्जाओं का अनुपात होगा
कमानी स्थिरांक $K$ की कमानी से जुडे किसी पिण्ड की गति आरेख में दर्शाए अनुसार है।
गति का समीकरण $x ( t )= A \sin \omega t + B \cos \omega t$ द्वारा दिया गया है, यहाँ $\omega=\sqrt{\frac{ K }{ m }}$ मान लीजिए समय $t =0$ पर, पिण्ड की स्थिति $x (0)$ तथा वेग $v (0)$ है, तब इसका विस्थापन भी, $x ( t )= C \cos (\omega t -\phi)$, द्वारा निरूपित होगा, यहाँ $C$ और $\phi$ है।
एक स्प्रिंग तुला की स्केल $0$ से $10\, kg$ तक मापन करती है तथा इसकी लम्बाई $0.25\, m$ है। स्प्रिंग तुला से लटकी हुई एक वस्तु $\frac{\pi }{{10}}\sec$ के आवर्तकाल से ऊध्र्वाधर दोलन करती है। लटकी हुई वस्तु का द्रव्यमान ..... $kg$ होगा, (स्प्रिंग का द्रव्यमान नगण्य है)
$700g, 500g,$ एवं $400g$ के तीन द्रव्यमान चित्र में दिखाये अनुसार एक स्प्रिंग से संतुलन में लटके हैं यदि $700\,gm$ द्रव्यमान हटा लिया जाये तो यह निकाय $3$ सैकण्ड के दोलनकाल से दोलन करता है $500\, gm$ द्रव्यमान और हटाये जाने पर इसका दोलनकाल ..... $s$ हो जायेगा