निम्न कथनों में से सही कथन है

  • A

    लोलक के गोले का द्रव्यमान अधिक होने पर इसके दोलन की आवृत्ति कम हो जाती है

  • B

    एक सरल लोलक के गोले का द्रव्यमान $M$ है, कोणीय आयाम $40^\circ $ से झूल रहा है। जब कोणीय आयाम $20^\circ $ होगा, तो धागे का तनाव $Mg\cos 20^\circ $ से कम होगा

  • C

    यदि सरल लोलक की लम्बाई बढ़ा दी जाये, तो इसके दोलन के दौरान इसका अधिकतम वेग घट जाता है

  • D

    ताप बदलने पर सरल लोलक के आवर्तकाल में आंशिक परिवर्तन, लोलक की लम्बाई से स्वतन्त्र होता है

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दिये गये चित्र में $\mathrm{M}$ द्रव्यमान के गुटके की सरल आवर्त गति का आवर्तकाल $\pi \sqrt{\frac{\alpha \mathrm{M}}{5 \mathrm{~K}}}$ है, जहाँ $\alpha$ का मान. . . . . . . . . . है।

  • [JEE MAIN 2024]

नीचे दिये चित्र में यदि $m$ द्रव्यमान के पिण्ड को विस्थापित कर दें तो इसकी आवृत्ति होगी

किसी घर्षण-रहित पृष्ठ (frictionless surface) पर, $m_1$ और $m_z$ द्रव्यमान (mass) के दो पिंडों को एक $k$ स्पिंग स्थिरांक (constant) वाले स्प्रिंग के साथ जोड़ा गया है। यदि उन द्रव्यमानँ को दूर खीचकर छोड विया जाए तो उनके दोलन का आवर्तकाल (time period of oscillation) क्या होगा ?

  • [KVPY 2010]

$K$ और $2K$ बल नियतांक की दो स्प्रिंग एक द्रव्यमान से चित्रानुसार जुड़ी हैं। द्रव्यमान के दोलनों की आवृत्ति है

  • [AIIMS 2003]

एक क्षैतिज घर्षण रहित मेज पर एक ब्लॉक रखा है। इस ब्लॉक का द्रव्यमान $m$ है और दोनों ओर स्प्रिंग् लगी हैं जिनके बल स्थिरांक ${k_1}$ और ${k_2}$ है। यदि इस ब्लॉक को थोडा विस्थापित करके छोड़ दिया जाये तो दोलन की कोणीय आवृत्ति होगी