एक स्प्रिंग से लटकाये गये किसी कण का आवर्तकाल $T$ है। यदि स्प्रिंग को चार बराबर भागों में काटकर उसी द्रव्यमान को किसी एक भाग से लटका दें तो नया आवर्तकाल होगा
$T$
$\frac{T}{2}$
$2 T$
$\frac{T}{4}$
चित्र में दिखायी गई स्प्रिंगों के दोलन की आवृत्ति होगी
चित्र में प्रदर्शित स्प्रिंगों से बने निकाय का परिणामी बल नियतांक होगा
दिए गए आरेख में $M$ द्रव्यमान का एक पिण्ड एक क्षैतिज कमानी से बंधा हैं, जिसका दूसरा सिरा किसी दढ़ सपोर्ट से जुड़ा है। कमानी का कमानी स्थिरांक $k$ है। यह पिण्ड किसी घर्षणहीन पष्ठ पर आवर्तकाल $T$ और आयाम $A$ के साथ दोलन करता है। जब यह पिण्ड साम्यावस्था की स्थिति पर होता है (आरेख देखिए) तब कोई अन्य पिण्ड, जिसका द्रव्यमान $m$ है, इस पिण्ड के ऊपर धीरे से जोड़ दिया जाता है। अब दोलन का नया आयाम होगा।
एक क्षैतिज कमानी से बँधा एक द्रव्यमान $M$, आयाम $A_{1}$ से सरल आवर्त गति कर रहा है। जब द्रव्यमान $M$ अपनी माध्य अवस्था से गुजर रहा है, तब एक छोटा द्रव्यमान $m$ इसके ऊपर रख दिया जाता है और अब दोनों आयाम $A_{2}$ से गति करते हैं। $\left(\frac{A_{1}}{A_{2}}\right)$ का अनुपात है:
समान बल नियतांक $k$ वाली तीन स्प्रिंगों $A, B$ और $C$ से $m$ द्रव्यमान का एक कण चित्र में दिखाये अनुसार जुड़ा है। यदि कण को स्प्रिंग $A$ के विरुद्ध हल्का सा दबा कर छोड़ा जाये तो दोलनकाल होगा