$200$ ग्राम द्रव्यमान की एक वस्तु पृथ्वी से $200$ मीटर की ऊँचाई से छोड़ी जाती है, पृथ्वी की सतह के संपर्क में आने के क्षण इसकी सम्पूर्ण स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है। इसकी स्थितिज ऊर्जा में होने वाली कमी ........... $\mathrm{J}$ होगी $(g = 10\,m/{s^2})$
$200$
$400$
$600$
$900$
$m_1 $ व $m_2$ का द्रव्यमान के दो पिण्डों की गतिज ऊर्जायें समान हैं। यदि $p_1$ व $p_2$ क्रमश: उनके संवेग हों, तो $p_1 : p_2$ का मान तुल्य होगा
एक $8\,kg$ द्रव्यमान की एवं दूसरी $2\,kg$ द्रव्यमान की वस्तुऐं, समान गतिज ऊर्जा से चल रही ह। उनके संगत संवेगों का अनुपात होगा :
किसी गतिशील कण के गतिज ऊर्जा-विस्थापन वक्र के ग्राफ का ढलान
$DNA$ में एक बंध को खण्डित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा $10^{-20}\, J$ है। $eV$ में यह मान है, लगभग :
$2m$ तथा $m$ द्रव्यमानों के दो पिण्डों की गतिज ऊर्जाओं का अनुपात $8 : 1$ है तब उनके रेखीय संवेगों का अनुपात होगा