यदि एक दण्ड चुम्बक के केन्द्र में एक छिद्र कर दिया जाये तो इसका चुम्बकीय आघूर्ण
बढ़ेगा
घटेगा
अपरिवर्तित रहेगा
उपरोक्त में से कोई नहीं
एक छड़ चुम्बक के अन्दर चुम्बकीय बल रेखाएँ
चुम्बक को पूरी तरह विचुम्बकित किया जा सकता है
एक चुम्बक को चार समान भागों में इस प्रकार विभाजित किया जाता है कि प्रत्येक छोटे भाग की लम्बाई एवं चौड़ाई, प्रारम्भिक मान की आधी हो जाती है तो प्रत्येक भाग का ध्रुव सामथ्र्य होगा
दो चुम्बकीय द्विध्रुवों $X$ तथा $Y$ को चित्रानुसार $d$ दूरी पर, उनके अक्षों को परस्पर लम्बवत् करके, रखा है। $Y$ का द्विध्रुव आघूर्ण $X$ का दो गुना है। $q$ आवेश का एक कण इन दोनों के ठीक मध्य बिंदु $P$ से क्षैतिज रेखा से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर, चित्रानुसार, गुजरता है। इस क्षण पर कण पर एक लगे बल का परिमाण क्या होगा ?
(दिया है : $d$ द्विध्रुव के आकार (dimensions) से अत्यधिक बड़ा है)
चित्र में $O$ बिंदु पर रखी गई एक छोटी चुंबकीय सुई $P$ दिखाई गई है। तीर इसके चुंबकीय आघूर्ण की दिशा दर्शाता है। अन्य तीर, दूसरी समरूप चुंबकीय सुई $Q$ की विभिन्न स्थितियों (एवं चुंबकीय आघूर्ण के दिकविन्यासों ) को प्रदर्शित करते हैं।
$(a)$ किस विन्यास में यह निकाय संतुलन में नहीं होगा?
$(b)$ किस विन्यास में निकाय $(i)$ स्थायी $(ii)$ अस्थायी संतुलन में होंगे?
$(c)$ दिखाए गए सभी विन्यासों में किसमें न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा है?