एक चुम्बक को चार समान भागों में इस प्रकार विभाजित किया जाता है कि प्रत्येक छोटे भाग की लम्बाई एवं चौड़ाई, प्रारम्भिक मान की आधी हो जाती है तो प्रत्येक भाग का ध्रुव सामथ्र्य होगा
$m/4$
$m/2$
$m/8$
$4m$
किसी चुम्बक के केन्द्र से $R $ दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता समानुपाती होती है
एक लघु चुम्बक की अक्ष पर चुम्बक के केन्द्र से $x$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता $200$ गॉस है । उतनी दूरी पर निरक्षीय स्थिति में चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता.....गॉस होगी
दो छोटे-छोटे छड़ चुम्बक एक रेखा में $d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके समान ध्रुव एक-दूसरे की ओर हैं । यदि प्रत्येक चुम्बक की लम्बाई $d $ के मुकाबले नगण्य हो, तो दोनों चुम्बकों के बीच बल निम्न के व्युत्क्रमानुपाती होगा
आरेख में दंड (छड़) चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $m$ है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विधुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा ?
$\mathrm{L}$ लम्बाई की एक लौह छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण $\mathrm{M}$ है। यह लम्बाई के मध्य से इस प्रकार मोड़ा गया है कि दोनों भुजाएँ एक दूसरे के साथ $60^{\circ}$ का कोण बनाती है। इस नई चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण है: