एक दोलन चुम्बकत्वमापी में दो एक-समान छड़ चुम्बक एक के ऊपर एक इस प्रकार रखे हैं कि वे एक-दूसरे को लम्ब समद्विभाजित करते है। क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में इस निकाय का दोलनकाल ${2^{5/4}}$ सैकण्ड है । यदि एक चुम्बक हटाकर दूसरी चुम्बक को उसी चुम्बकीय क्षेत्र में दोलन कराया जाये तो दोलनकाल सैकण्ड में होगा
${2^{1/4}}$
${2^{1/2}}$
$2$
${2^{3/4}}$
एक स्थायी चुम्बक
यदि एक दण्ड चुम्बक के केन्द्र में एक छिद्र कर दिया जाये तो इसका चुम्बकीय आघूर्ण
एक लघु छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण $1.2 \,A-m^2$ है। इसके अक्ष पर $0.1\, m$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र है ($\mu_0 = 4\pi \times 10^{-7}\, T-m/A$)
$10\, A-m^2$ के चुम्बकीय आघूर्ण की दो छोटी चुम्बकों को अक्षीय स्थिति में, उनके केन्द्रों से $0.1\,m $ दूरी पर रखा गया है। उनके बीच कार्यरत बल .....$N$ होगा
दो समान पतले दण्ड चुम्बकों को, जिनमें प्रत्येक की लम्बाई $ l $ है और ध्रुव प्राबल्य $m$ है, $90°$ के कोण पर रखा जाता है इस प्रकार कि एक चुम्बक उत्तरी ध्रुव पर दूसरी चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के साथ आता है निकाय का चुम्बकीय आघूर्ण है